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झारखंड में इस बार की सर्दी में बीते सालों के तुलना में तापमान करीब दो से तीन डिग्री ऊपर है। इसका नतीजा है कि पूर्व के वर्षों में ठंड के इस मौसम जहां रात और सुबह की कनकनी ठिठुराती थी वैसा इस बार नहीं महसूस हो रहा। मौसम विभाग की मानें तो यह स्थिति जलवायु परिवर्तन के चलते उत्पन्न हुई है। इस बार वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की स्थिति की कमजोर बनी हुई है।
पिछले साल की तुलना में ज्यादा है तापमान
राजधानी रांची में अमूमन इस समय न्यूनतम तापमान 5.0 से 6.0 डिग्री रहता था जो इस बार 9.0 से 10.0 डिग्री सेल्सियस पर चल रहा है। इससे इस बार कनकनी का अहसास नहीं हो रहा। अधिकतम तापमान भी पिछले सालों की तुलना में अधिक है। इस वर्ष अधिकतम तापमान भी दो से तीन डिग्री अधिक चल रहा है।
21 दिसंबर से ही पिछले साल बढ़ी थी ठंड
पिछले वर्ष 21 दिसंबर को ही रांची में शहरवासी ठिठुर गए थे। इस दिन न्यूनतम 5.8 डिग्री और अधिकतम 21.8 डिग्री दर्ज किया गया था। जबकि बुधवार को यहां न्यूनतम 9.6 और अधिकतम 25.2 डिग्री दर्ज किया गया। राज्य के अन्य प्रमुख शहर जमशेदपुर, डालटनगंज और बोकारो समेत अन्य जगहों पर भी यही स्थिति है।
मौसम विभाग ने क्या कारण बताया है
मौसम विभाग के अनुसार इस साल मौसम के अनुकूल वातावरण में बदलाव नही होने से ऐसा हो रहा है। झारखंड में इस बार कई कारणों से तापमान में वृद्धि हुई है। बारिश में कमी और वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का कमजोर होना प्रमुख कारण है। इसके अलावा बंगाल की खाड़ी भी करीब-करीब शांत रहा। इन सिस्टमों के कमजोर होने से उत्तर से सर्द हवा तो आ रही है। लेकिन इन सिस्टमों के कमजोर रहने से इसकी गति में कमी आयी है। इससे दिन की खिली धूप में कनकनी की बजाय कभी-कभी गर्मी का अहसास भी हो रहा है।
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