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कैरोल की धुन पर आधी रात में प्रभु का हुआ आगमन

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खूंटी, संवाददाता।

संपुर्ण जिला क्रिसमस की खुशियों में गोता लगा रहा है। अमन-चैन, शांति, प्रेम और भाईचारगी की चाह में ईसाई समुदाय के लोगों ने क्रिसमस की रात खुशियां मनाई। रात के बारह बजते ही शहर समेत सुदूर ग्रामीण इलाकों के गिरजाघरों के घंटे बज उठे। घरों में केक काटे गए और यह पुण्य रात खुशियों की रात में बदल गई। शांति के दूत प्रभू यीशु मसीह के जन्मोत्सव पर लोगों ने नन्हे यीशु को चरनी से उठाकर अपने दिलों में बसाया। जिले के सीएनआई, आरसी, जीईएल, पेंटीकॉस्टल, एसडीए समेत अन्य गिरजाघरों में हजारों लोगों ने यीशु मसीह का जन्मोत्सव मनाया। खूंटी, सरवादा, डोल्डा, कोचांग, हाड़मबनम आदि गिरजा घरों में लोग रात के बारह बजे से लेकर भोर तक नाचते गाते रहे। आरसी चर्च में रात के ग्यारह बजे से शुरू हुए कार्यक्रम में विशप विनय कंडुलना ने कहा कि हमें ईश्वर ने मनुष्य को अच्छे रिश्ते जोड़ने के लिए भेजा था, जिसे आदम और हवा ने अपने पापों से तोड़ दिया था। उसे जोड़ने और मनुष्य को विनम्र बनने की शक्ति देने के लिए यीशु आए और मानवता के सहभागी बने। यीशु विश्वास के अनुसार ज्योति बनकर आए और मनुष्य को स्वर्गीय जीवन का मार्ग दिखाया। विशप ने क्रिसमस के संदेश में कहा कि प्रेम, शांति, दया, क्षमा, भाईचारा को अपनाना ही सच्चे रूप में क्रिसमस का त्योहर मनाना है। इन्हीं सब आचरणों को हमें एक दुसरे के बीच बांटना है। सीएनआई चर्च में क्रिसमस की पूर्व संध्या विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया, जिसमें रेव्ह दाऊद टुटी ने अपने संदेश में कहा कि हमें क्रिसमस के मौके पर पाप, बुराई, द्वेष, घृणा, क्रोध जैसी बुराईयों का त्याग कर प्रेम, शांति, दया, क्षमा को अपने जीवन में अपनाना चाहिए। प्रभू यीशु को मनुष्य के मन के अंदर की बुराईयों को दूर करने के लिए ही ईश्वर ने भेजा था। जीईएल चर्च, कदमा में ख्रिस्त समाजियों ने अराधना किया और चरनी के बालक यीशु को अपने को अपने पवित्र दिल बैठाया।

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