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रांची। विशेष संवाददाता
खूंटी में वर्ष 2018 में हुए चर्चित कोचांग सामूहिक दुष्कर्म मामले के सजायाफ्ता जॉन जोनस टुडू को झारखंड हाइकोर्ट से बुधवार को राहत नहीं मिली। जस्टिस आर मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने उसकी औपबंधिक जमानत याचिका खारिज कर दी। जॉन जोनस टुडू ने अपने भाई की शादी का हवाला देते हुए औपबंधिक जमानत देने का आग्रह किया था।
बता दें कि खूंटी के सिविल कोर्ट ने 17 मई 2019 को जॉन जोनस टुडू को सामूहिक दुष्कर्म मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। सामूहिक दुष्कर्म का यह मामला साल 2018 जून महीने का है। खूंटी जिले में पांच लड़कियों को अगवा कर उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। तब आदिवासियों का पत्थलगड़ी आंदोलन चल रहा था। उस समय एक एनजीओ से जुड़ी पांच महिलाएं कोचांग गांव में जागरुकता अभियान के तहत नुक्कड़ नाटक करने गई थीं। उस दौरान उन्हें अगवा कर सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। निचली अदालत ने फादर अल्फांसो को घटना का साजिशकर्ता माना था। इस मामले में फादर अल्फांसो के अतिरिक्त जॉन जोनस टुडू, बलराम समद, बाजी समद उर्फ टकला, जोनास मुंडा, अजूब सांडी पूर्ति को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गई थी।
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