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जेब पर बोझ : वकालतनामा के साथ शपथ पत्र हुआ महंगा

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रांची, संवाददाता। सूबे में केस लड़ना महंगा हो गया है। निचली अदालतों के वकालतनामा पर कोर्ट फीस पांच की जगह अब 35 रुपये का स्टांप चिपकाया जा रहा है। इसी तरह शपथ पत्र पर पांच रुपये की जगह 20 रुपये कोर्ट फीस के साथ 20 रुपये का वेलफेयर स्टांप चिपकाया जाना है। अर्थात 20 रुपये वाला शपथ पत्र पर 40 रुपये का स्टांप चिपकाया जा रहा है। इसमें 15 रुपये अधिवक्ता कल्याण एवं पांच रुपये का अधिवक्ता क्लर्क का कल्याण स्टांप शामिल है।

वकालतनामा एवं शपथ पत्र पर इसी महीने से पांच रुपये का वेलफेयर स्टांप चिपकाया जाने लगा है। इस प्रकार शपथ पत्र पर पूर्व से दोगुना स्टांप फीस की वृद्धि हुई है। सिर्फ रांची जिले में औसतन 16 सौ वकालतनामा एवं शपथ पत्र की बिक्री प्रत्येक कार्य दिवस पर होती है। आम जनता से प्राप्त स्टांप फीस की राशि को अधिवक्ता एवं अधिवक्ता क्लर्क के कल्याण में खर्च किया जाएगा। साथ ही कोर्ट फीस की बढ़ोतरी से राज्य सरकार के खजाने में भी वृद्धि होगी। बता दें कि इसी साल जुलाई महीने से अपील एवं अदालत में रिप्रेजेंटेशन चार गुना महंगा हो गया है। झारखंड सरकार ने अपनी आय बढ़ाने के लिए कोर्ट फीस में जबरदस्त वृद्धि की है।

रिप्रेजेंटेशन खर्च पांच से बढ़कर 20 हुआ

राजधानी की अदालत में प्रत्येक दिन औसतन दो हजार मुवक्किलों की ओर से उनके अधिवक्ता रिप्रेजेंटेशन देते हैं। एक रिप्रेजेंटेश आवेदन पर पांच रुपये की कोर्ट फीस लगती थी, अब 20 रुपये लगेगी। इससे सरकार को अब रिप्रेजेंटेशन पर 40 हजार रुपये का राजस्व आएगा। इसी तरह शपथ पत्र, वकालतनामा, अपील, आवेदन, अर्जी, नकल, बंध पत्र एवं अन्य प्रकार के आवेदन से पहले से छह गुना अधिक राजस्व आएगा।

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