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ज्ञानसेतु और एफएलएन की वर्कबुक का स्कूलों में नही हो रहा इस्तेमाल

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रांची। हिन्दुस्तान ब्यूरो

झारखंड के सरकारी स्कूलों में ज्ञानसेतु और एफएलएन (फंडामेंटल लिटरेसी एंड न्यूमेरेसी) की वर्कबुक का इस्तेमाल स्कूलों में नहीं हो पा रहा है। इसे स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने गंभीरता से लिया है और नाराजगी जताई है। झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की राज्य परियोजना निदेशक किरण कुमारी पासी ने सभी जिलों को इसे सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है।

राज्य के प्रारंभिक स्कूलों में पहली से तीसरी के छात्र-छात्राओं को एफएलएन की कार्यपुस्तिका दी जाती है, जबकि चौथी से आठवीं के बच्चों को ज्ञानसेतु का वर्कबुक किया जाता है। शिक्षा विभाग की ओर से गठित टीमों के स्कूलों के निरीक्षण में यह सामने आया है कि स्कूलों में वर्कबुक तो उपलब्ध है, लेकिन छात्र-छात्राओं के बीच बांटकर उसका उपयोग नहीं किया जा रहा है। कई स्कूलों में यह भी देखने को मिला कि ये कार्यपुस्तिका बच्चों को सिर्फ स्कूल में ही दी जाती है और फिर उनसे वापस ले ली जाती है। इससे छात्र-छात्रा घर पर इसका उपयोग नहीं कर पाते हैं। यह चिंताजनक स्थिति है।

जेईपीसी की एसपीडी किरण कुमारी पासी ने सभी डीईओ-डीएसई को निर्देश दिया है कि स्कूलों में एक सप्ताह का अभियान चलाते हुए ज्ञानसेतु व एफएलएन की कार्य पुस्तिका का वितरण छात्र-छात्राओं के बीच सुनिश्चित कराया जाए। वर्कबुक को छात्र-छात्राओं को घर ले जाने की स्वतंत्रता दी जाए। हर शिक्षकों की ओर से वर्कबुक पर छात्रों से काम करवाया जाए और उसकी जांच की जाए। प्रखंड साधन सेवी और संकुल साधन सेवी स्कूलों के निरीक्षण के दौरान इसे देखेंगे और शिक्षकों के माध्यम से इसे सुनिश्चित कराएंगे। अगर किसी स्कूल में वर्कबुक छात्र-छात्राओं के बीच वितरण नहीं किए जाने की जानकारी मिलती है तो इसकी जवाबदेही स्कूल और प्रखंड कार्यालय की होगी। निश्चित समय सीमा के बाद भी वर्कबुक का वितरण नहीं हुआ तो लापरवाही बरतने वालों पर जवाबदेही तय कर कार्रवाई की जाएगी।

यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।

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