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झारखंड में खुलेंगे 2 और निजी विश्वविद्यालय, कई विधायकों ने जताई आपत्ति; ये है वजह

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राज्य में 2 और निजी विश्वविद्यालय खोलने के प्रस्ताव पर विधानसभा की मुहर लग गयी। गुरुवार को सोना देवी विवि विधेयक 2022 और बाबू दिनेश सिंह विवि विधेयक 2022 ध्वनिमत से पास हो गया। प्रभारी मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि सोना देवी विवि घाटशिला में स्थापित होगा। वहीं, बाबू दिनेश सिंह विवि गढ़वा में स्थापित होगी। इसके साथ ही सदन ने कुल पांच विधेयकों को अपनी मंजूरी दे दी।

विधायकों ने विश्वविद्यालय पर उठाए सवाल
विधानसभा में विधायकों ने इन्हें लेकर कई आपत्ति जतायी। भाजपा विधायक अमित मंडल ने झारखंड स्तर पर नियमावली बनाने की मांग की। निजी विश्वविद्यालय के दो-तीन कमरों में चलने का आरोप लगाया। इनकी जांच कर मान्यता रद्द करने की भी मांग की। वहीं मनीष जायसवाल ने कहा कि निजी विश्वविद्यालय तब तक शुरू न हो जब तक अपना भवन न हो। एक साल में बनाने की बात करते हैं, लेकिन 10 साल लग जाता है।

झारखंड के निजी विश्वविद्यालयों की होगी जांच
बता दें कि झारखंड के निजी विश्वविद्यालयों की जांच होगी। इसके लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड विधानसभा में अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो से अपील की है कि विधायकों की एक कमिटी का गठन किया जाए। यह कमिटी राज्य में स्थापित सभी विश्वविद्यालयों की जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट देगी। मुख्यमंत्री जैन विश्वविद्यालय विधेयक-2022 के सरकार द्वारा विधानसभा से वापस लेने के बाद बोल रहे थे। 

माले विधायक ने लगाया धोखाधड़ी का आरोप
सदन में सोना देवी विश्वविद्यालय विधेयक-2022 और बाबू दिनेश सिंह विश्वविद्यालय विधेयक-2022 पास कर दिया गया है। वहीं, विधायकों की आपत्ति के बाद जैन विश्वविद्यालय विधेयक-2022 सरकार ने वापस ले लिया है दरअसल, जैन विश्वविद्यालय विधेयक-2022 पर विधायक विनोद सिंह ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि 2017 में विधानसभा से अर्का जैन विश्वविद्यालय विधेयक पास किया किया था। उसके नाम से अर्का शब्द हटाकर जैन विश्वविद्यालय विधेयक पेश किया जा रहा है।

जबकि दोनों विश्वविद्यालय का पता एक ही है। तथ्यों की जांच होनी चाहिए। यह सदन के साथ धोखाधड़ी है। उन्होंने कहा कि 2021 तक 16 निजी विश्वविद्यालय खोले गए जबकि 2022 में 4 और गुरुवार को 2 और निजी विश्वविद्यालय को मंजूरी दे दी गई। 

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