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झारखंड में 90 फीसदी बुजुर्गों को नहीं लगी है बूस्टर डोज, कोविड की तीसरी लहर से कैसे जीतेंगे जंग

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कोरोना के अब तक के कहर पर गौर करें तो इसने बुजर्गों को सर्वाधिक नुकसान पहुंचाया है। वहीं, इससे बचाव में व्यक्तिगत सावधानी के साथ साथ टीकाकरण उतना ही कारगर है। बावजूद इसके राज्य के बुजुर्ग में इसको लेकर लापरवाही साफ दिख रही है। राज्य के करीब 90 फीसदी बुजुर्ग कोरोना के डेंजर जोन में हैं। क्योंकि अभी भी 89 फीसदी से अधिक बुजुर्गों (60 प्लस) ने कोविड टीके की बूस्टर डोज नहीं ली है। आंकड़ों की बात करें तो राज्य में 60 से अधिक उम्र के बुजुर्गों की अनुमानित संख्या 32.31 लाख है। जिसमें से अभी तक 3.67 लाख ने ही बूस्टर डोज ली है।

278 केंद्रों में हो रहा है टीकाकरण
राज्य में 278 केंद्रों पर लग रहा टीका जहां तक सरकारी व्यवस्था की बात है तो राज्य में गुरुवार को भी 278 केंद्रों पर टीकाकरण किया जा रहा है। जिसमें 272 सरकारी जबकि, 6 निजी केंद्र हैं। हर केंद्र पर टीका भी उपलब्ध है, लेकिन टीका लेने वाले ही नहीं पहुंच रहे हैं।

फ्रंटलाइन वर्कर्स भी नहीं लगा रहे टीका
स्वास्थ्यकर्मी व फ्रंटलाइन वर्कर भी लापरवाह कोरोना की चपेट में सबसे पहले आने वाले हेल्थ वर्कर एवं फ्रंटलाइन वर्करों की लापरवाही भी कम नहीं है। राज्य के 42 स्वास्थ्यकर्मी एवं 53 फ्रंटलाइन वर्करों ने भी अभी तक बूस्टर डोज नहीं ली है। राज्य के 2.09 लाख स्वास्थ्य कर्मियों में से महज 1.22 लाख एवं 3.68 लाख फ्रंटलाइन वर्करों में से 1.72 लाख ने यह डोज ली है।

एक चौथाई आबादी को नहीं लगी दूसरी डोज
राज्य में कोरोना टीकाकरण को समग्रता में देखें तो 18 से अधिक आयु की लगभग एक चौथाई आबादी ने कोविड टीके की दूसरी डोज नहीं ली है। राज्य में 18 से अधिक आयुवर्ग के लोगों की अनुमानित संख्या 2 करोड़ 10लाख है। जिसमें से अभी तक 1 करोड़ 60 लाख, 36 हजार 483 लोगों ने दूसरी खुराक ली है। कई जिलों (07) में तो पहली खुराक भी पूरा नहीं हो सकी है। जिसमें धनबाद में 90, हजारीबाग में 91, रामगढ़ 92, गढ़वा में 95 लोगों ने पहली खुराक ली है। हालांकि अधिकांश में पहली खुराक लेने वालों का प्रतिशत 100 से ज्यादा है।
 

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