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खूंटी, संवाददाता।
डीसी शशि रंजन ने शनिवार को कर्रा के समेकित आजीविका कृषि पार्क का अवलोकन किया। इस दौरान मुख्य रूप से कृषि पार्क को विकसित करने एवं कृषि गतिविधियों को बढ़ावा देने के सबन्ध विस्तार से चर्चा की गई। साथ ही उपायुक्त द्वारा आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए गए।
किसान पाठशाला किसानों को वैकल्पिक संसाधनों के साथ-साथ तकनीकी सुविधाओं एवं उन्नत कृषि प्रणालियों का सामान्य तरीके से प्रयोग में लाते हुए नई तकनीकों से उन्नत खेती को बढ़ावा देने में सहायक होगा। किसानों की सालाना आय में बढ़ोतरी तथा किसानों के समेकित उत्थान का माध्यम बनाना इस पाठशाला लक्ष्य तय किया गया है। इस परियोजना में विभिन्न प्रकार की नगदी फसलों का उतपादन एवं किसानों को प्रशिक्षण देने का प्रवाधान रखा गया है।
इसमें विभिन्न प्रकार की फलों एवं फूलों का उतपादन आधुनिक तरीके से की जा रही है। साथ हीं कृषि से जुड़ी जीविकोपार्जन की तमाम गतिविधियां जैसे कि दुग्ध उत्पादन, मछली, मुर्गी, बत्तख, बकरी पालन भी किया जाना है। इस परियोजना को समेकित खेती के तर्ज पर तैयार करना एवं किसानों को इसका प्रशिक्षण दे उनकी आय को दोगुणा करने का लक्ष्य है।
एकीकृत मछली सह बत्तख पालन ने लोगों को रोजगार का नया विकल्प दिया है। इसमें तालाब में मछली पालन के साथ-साथ बत्तख पालन की समन्वित खेती की जा रही है, जो बेहद लाभप्रद व्यवसाय है।
इस इकाई के माध्यम से विभिन्न आउटलेट के जरिए फार्म के कोने-कोने तक पानी की सुविधा । पानी का मुख्य स्रोत फार्म में विकसित किये गये तालाब होंगे।
मिट्टी रहित पौधों को तैयार करने एवं बीज से पौधे निकलने के लिए संतुलित वातावरण प्रदान करने के लिए पॉली नर्सरी हाउस की स्थापना।
मनरेगा की विभिन्न योजनाओं से शेड का निर्माण कर गाय पालन, बकरी पालन, मुर्गीपालन किया जा रहा है। वहीं मछली सह बत्तख पालन, केंचुआ खाद उत्पादन जैसी कृषि से जुड़ी जीविकोपार्जन की तमाम गतिविधियों को भी बल मिला है।
गिर गाय पालन के फायदे को देखते हुए किसानों में गोपालन को लेकर रुचि पैदा हुई है और डेयरी के क्षेत्र में नई क्रांति देखी जा रही है।
वहीं भैंस की प्रजातियों को बढ़ावा देने के लिए मुर्रा भैंस का पालन किया जा रहा है। मुर्गी पालन में सोनाली नस्ल की मुर्गियों का पालन किया जा रहा है।
मधुमक्खी पालन आय वृद्धि का एक अच्छा माध्यम है। इसे देखते हुए यहां सबसे बेहतर कोटि के इटालियन मधुमक्खी पालन पर खासा जोर दिया जा रहा है।
सखी मंडलों के माध्यम से निर्मित व उत्पादित सामग्रियों की सोर्टिंग एवं ग्रेडिंग, मूल्यवर्धन, पैकेजिंग, विपणन आदि के लिए एक विशेष प्रोसेसिंग प्लांट अधिष्ठापन करने की योजना है। किसानों के लिए प्रशिक्षण एवं संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। उच्च मूल्य कृषि, उन्नत एवं वैज्ञानिक कृषि को मिलेगा बढ़ावा मिल रहा है। उपायुक्त ने निर्देश दिए कि समय – समय पर किसानों को एक्सपोजर विजिट कराया जाय एवं उन्हें कृषि की उन्नत गतिविधियों से जोड़ने का प्रयास करें।
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