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ताजिकिस्तान में फंसे मजदूरों ने 'स्वदेश' पहुंचकर ली राहत की सांस, आज लौटेंगे घर

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ताजिकिस्तान में फंसे प्रवासी मजदूरों के परिजनों का इंतजार खत्म हो गया है। सभी मजदूर सोमवार की दोपहर राजधानी दिल्ली पहुंच गए हैं। मंगलवार को मजदूरों की घर वापसी की संभावना है। दिल्ली पहुंचने पर मजदूरों ने वीडियो शेयर कर वतन वापसी पर खुशी जाहिर की है। साथ ही उनकी वापसी के लिए प्रयास करने वाले जन प्रतिनिधियों एवं मीडियाकर्मियों के प्रति आभार जताया है।

तीन जिलों के 44 लोग ताजिकिस्तान में फंसे थे
बता दें गिरिडीह, हजारीबाग एवं बोकारो जिले के 44 प्रवासी मजदूर ताजिकिस्तान में फंसे हुए थे। इनसोदं ने सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार से वतन वापसी में सहयोग करने की अपील की थी। इसके बाद कोडरमा की सांसद सह केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने विदेश मंत्री से मुलाकात कर मजदूरों की वतन वापसी की मांग की थी। वहीं बगोदर विधायक विनोद कुमार सिंह ने झारखंड विधानसभा में मजदूरों का मामला उठाते हुए उनकी सकुशल वापसी की मांग रखी। इसके अलावा हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा ने भी अपने स्तर से उनकी वापसी का प्रयास किया।

ट्रांसमिशन लाइन में काम करने विदेश गए थे
ताजिकिस्तान में गिरिडीह जिले के बगोदर, सरिया, डुमरी, हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ एवं बोकारो जिले के विभिन्न गांवों के 44 मजदूर फंसे थे। वे सभी विष्णुगढ़ के खरना निवासी पंचम महतो के माध्यम से छह महीने पहले ट्रांसमिशन लाइन में काम करने ताजिकिस्तान गए हुए थे। उन्हें तीन महीने से मजदूरी नहीं मिली थी जिसके कारण उनके खाने-पीने में समस्या हो रही थी।

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