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बाहरी-भीतरी के काम पर उन्माद फैला रहे हैं मुख्यमंत्री : बाबूलाल मरांडी

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रांची, मुख्य संवाददाता। राज्य की नियोजन नीति रद्द होने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर बाहरी-भीतरी के नाम पर उन्माद फैलाने का आरोप पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने लगाया है। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि बाहरी-भीतरी का राग अलाप कर उन्माद फैलाने से झारखंड के युवा-बेरोजगार, छात्र नौजवान अब मुख्यमंत्री के झांसे में नहीं आएंगे।

उन्होंने कहा कि दो दिन बाद वर्तमान शासन का तीन साल पूरा हो रहा है और मुख्यमंत्री ने खुद स्वीकार किया है कि अबतक 357 युवाओं को ही नौकरी दी है। किसने रोका आपको नौकरी देने से? बाबूलाल ने मुख्यमंत्री को कहा है कि झारखंड के स्थानीय लोगों को नियम संगत नौकरी देने के लिए कानून बनाइए। कानूनी पचड़े में फंसाकर युवाओं को भटकाने वाली नीयत बदलिए, वरना युवाओं की आह लगेगी। बाबूलाल ने कहा कि सारे काम छोड़कर कल से नौकरी देना शुरू कीजिए। आपके इस कदम का सबसे पहले हम समर्थन करेंगे। बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि तीन वर्षों में प्रेम प्रकाश, पंकज मिश्रा, अमित अग्रवाल, पूजा सिंघल, दाहू यादव जैसे 2020 स्पेशल खतियान धारी लोगों के साथ मिलकर बेशुमार दौलत जमा करने एवं सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने वाले उन्मादी भाषण देने के सिवा आपने किया क्या है?

उत्पाद नीति पर सरकार को घेरा

बाबूलाल मरांडी ने उत्पाद नीति पर भी सरकार को घेरा है। उन्होंने पूछा है कि क्या ब्रांडेड शराब निर्माताओं का झारखंड पर मई महीने से अबतक करीब दो सौ करोड़ रुपये बकाया है, जिसका भुगतान उन्हें किया जा रहा है? क्या मई और जून महीने की शराब बिक्री का पूरा पैसा सरकारी खजाने में जमा करवा लिया गया? निर्माताओं/आपूर्तिकर्ताओं को भुगतान नहीं किया गया। उनकी बकाया रकम को भी सरकार का अपना रेवेन्यू बता ढोल पीटा गया, जबकि वास्तव में उस पैसे में बहुत बड़ी राशि तो सप्लायरों की थी? क्या आगे भी वेबरेज कॉर्पोरेशन की योजना कंपनियों से उधार शराब लेकर बेचने व कंपनियों को भुगतान नहीं कर सीधे सरकारी खजाने में जमाकर उसे ही सरकारी आय का रेवेन्यू दिखाना है? अगर ये सही है तो बकाएदारों का भुगतान के बाद ये बताएं कि वास्तव में सरकार को कितना रेवेन्यू मिला है?

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