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बोकारो के सेक्टर 5 में बंद पड़े RTPCR लैब को चालू करने की मांग

बोकारो के सेक्टर 5 में बंद पड़े RTPCR लैब को चालू करने की मांग
बोकारो विधायक बिरंची नारायण ने मुख्य सचिव से की मांग
1 वर्ष पहले किया गया था rt-pcr लैब को इंस्टॉल
DC Bokaro investigating  machine. file photo
DC Bokaro investigating machine. file photo
बोकारो /झारखंड
बोकारो के सेक्टर 5 के स्वास्थ्य केंद्र में कोविड-19 के लिए rt-pcr लैब 1 वर्ष पूर्व स्थापित किया गया था लेकिन कोविड-19 के समाप्त होने के बाद इसे पूर्व की अवस्था में छोड़ दिया गया ।उसके बाद से इसका उपयोग एक बार भी नहीं हुआ ऐसे में दोबारा कोविड-19 संकट से निपटने के लिए इस लैब को चालू कराने की मांग उठी है। इसी संदर्भ में बोकारो के विधायक बिरंची नारायण ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र भेजा है।जिसमें उन्होंने कहा है कि इस लैब को तत्काल चालू कराने की दिशा में आवश्यक पहल किया जाए।
विधायक की मांग पर हुई थी कार्रवाई
ज्ञात हो कि बोकारो विधायक के मांग के उपरांत झारखण्ड सरकार ने बोकारो इस्पात संयंत्र के सहयोग से सेक्टर-5 में आर टी पी सी आर (RTPCR)लैब की स्थापना की है। यह लैब विगत 8 माह पूर्व ही बन कर तैयार हो चुका है, परंतु अब तक यह प्रयोगशाला चालू नहीं हुई है। वर्तमान समय में चीन, जापान, अमरीका सहित अनेक देषों में वैश्विक महामारी कोविड के नये वैरियंट BF7  का प्रकोप बढ़ गया है। भारत सरकार ने इसके नियंत्रण के लिए 4T टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट-टीकाकरण और कोविड प्रोटोकॉल के पालन का फॉर्मुला दिया है। बताया जा रहा है कि BF7  वैरियंट, ऑमीेक्रॉन से 17-18 गुणा ज्यादा खतरनाक है, ऐसी स्थिति में टेस्टिंग और रिपॉटिंग में अधिक समय लगने से स्थिति भयावह हो सकती है। अब तक बोकारोवासियों के आर टी पी सी आर जाँच सैम्पल को धनबाद या रांची भेजा जाता रहा है।
बोकारो में स्थापित आर टी पी सी आर लैब को षुरू कराने हेतु ICMR से मंजूरी एवं झारखण्ड सरकार को इसके संचालन हेतु किसी डायग्नोस्टिक पार्टनर की नियुक्ति की आवशयकता है।