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रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत झारखंड में कार्यरत करीब 10 हजार अनुबंधकर्मियों ने स्थायीकरण की मांग के साथ-साथ विभागीय अधिकारियों की कार्यशैली को लेकर बुधवार को विरोध प्रदर्शन किया। नामकुम स्थित एनएचएम मुख्यालय के अलावा जिलों में भी झारखंड हेल्थ इंप्लायी वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले काला बिल्ला लगाकर कर्मचारियों ने काम किया। इस बीच उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी।
संघ के सचिव मनीष कुमार ने बताया कि विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों के सफल संचालन को लेकर 2005 से एनएचएम के तहत हजारों कर्मचारी अनुबंध पर हैं। बहुत से कर्मियों की आयु सीमा भी नई नौकरी के लिए खत्म हो चुकी है। अनुबंधकर्मी डॉ जफर इकबाल ने कहा कि 10 अक्तूबर को स्वास्थ्य मंत्री ने पीत पत्र लिखकर स्थायीकरण की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
अब तक नहीं मिला नवंबर का मानदेय
कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। अभी तक नवंबर का मानदेय नहीं मिला है। वित्तीय उपलब्धि के आधार पर वेतन काटा जा रहा है। उपलब्धि प्रतिशत के बराबर ही वेतन का भुगतान किया जा रहा है। जो सरासर गलत है। जब, वित्तीय नियंत्रण जिला के पास है तो राज्यस्तरीय कर्मचारी कैसे खर्च कर सकता है। कर्मियों ने स्वास्थ्य मंत्री से अनुरोध किया है कि वह वेतन की कटौती पर ध्यान दें।
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