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विवाद की ऊष्मा में जन-कल्याण का उद्देश्य खत्म न हो : स्पीकर

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रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो ने समापन भाषण में कहा कि लोकतंत्र के इस मंदिर में वाद-विवाद के माध्यम से ही जन समस्याओं का समाधान संभव है। लेकिन विवाद की ऊष्मा में जन-कल्याण के उद्देश्य खत्म न हो जाए, इसका ध्यान हम सबको रखना है। आने वाले त्योहारों क्रिसमस, सोहराय व मकर संक्रांति के साथ-साथ नववर्ष की मंगलकामनाओं के साथ सभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की।

स्पीकर ने कहा कि शीतकालीन सत्र छोटा, लेकिन विधायी कार्यों की उपयोगिता के लिहाज से अत्यंत ही महत्वपूर्ण रहा। कुल पांच कार्य दिवसों के दौरान कार्यवाही निर्धारित अवधि के 100 प्रतिशत से भी अधिक चली। इस सत्र में विनियोग विधेयक को छोड़ कर नौ विधेयक सरकार सरकार लेकर आई और इनमें से आठ विधेयकों को सभा से पारित कर राज्यपाल की सहमति के लिए भेजा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि सत्र में सदस्यों का कुल 326 प्रश्न प्राप्त हुआ जिसमें से 230 प्रश्न स्वीकृत किए गए। इनमें से 174 अल्पसूचित और 56 तारांकित प्रश्न हैं। इन 230 प्रश्नों में से 192 प्रश्नों का उत्तर ऑन-लाईन प्रश्नोत्तर प्रणाली से प्राप्त हुआ। इस प्रकार ऑन लाईन प्रश्नोत्तर प्रणाली के माध्यम से उत्तर प्राप्ति का प्रतिशत 83.48 प्रतिशत रहा। यह उल्लेख किया जाना आवश्यक है कि यह प्रतिशत पिछले मानसून सत्र के दौरान 86.44 प्रतिशत था। सत्र में 20 स्वीकृत ध्यानाकर्षण की सूचनाओं में सात उत्तरित हुए और 13 लंबित ध्यानाकर्षण सूचनाओं को प्रश्न एवं ध्यानाकर्षण समिति को भेजा गया। 27 निवेदन स्वीकृत हुए। 117 में से शून्यकाल की 100 सूचनाएं स्वीकृत किए गए।

सत्र के दौरान अनागत प्रश्न क्रियान्वयन समिति, सरकारी आश्वासन समिति, प्रत्यायुक्त विधान समिति एवं सरकारी उपक्रमों संबंधी समिति ने अपना प्रतिवेदन सभा पटल पर रखा। प्रारंभिक दिनों को छोड़ दें तो यह सत्र सकारात्मक रूप से सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों के सहयोग से चला है।

यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।

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