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राज्य भर के सभी निजी व सरकारी अस्पतालों के ओपीडी में पहुंचने वाले सांस के गंभीर रोगियों के साथ सर्दी-खांसी के मरीजों की कोविड जांच की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने सभी उपायुक्तों को अस्पतालों में पहुंचने वाले इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी (इंफ्लुएंजा लाइक इलनेस) और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (सीवियर एक्युट रेस्पिरेट्री इलनेस) के मरीजों की गहन निगरानी करते हुए आरटीपीसीआर जांच कराने का निर्देश दिया है। साथ ही ओपीडी में पहुंचने वाले इन सभी मरीजों की हर दिन आईडीएसपी को रिपोर्ट भी देने को कहा है।
इंफ्लुएंजा की शिकायत पर कोविड जांच
उन्होंने कहा है कि श्वसन तंत्र के सभी मरीजों की एवं इंफ्लुएंजा के मरीजों की कोविड जांच करायी जाएगी। सभी जिलों के डिस्टिक सर्विलांस अफसर को इसके लिए जिम्मेवार बनाया गया है। डीएसओ अस्पतालों के ओपीडी में पहुंचने वाले मरीजों के डेटा का विश्लेषण करेंगे एवं आरटीपीसीआर जांच के लिए रेफर करेंगे।
जिलास्तर पर ओपीडी के आंकड़ों की समीक्षा
राज्य व जिला स्तर पर होगी ओपीडी के आंकड़ों की समीक्षा अपर मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में संचालित सभी सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों के साथ-साथ जिला अस्पताल व टर्शियरी केयर हॉस्पिटल के इंफ्लुएंजा लाइक इलनेस और सारी सीवियर एक्युट रेस्पायरेटरी इलनेस के मरीजों की नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी। ओपीडी में पहुंचने वाले इन मरीजों के हर दिन के डेटा का विश्लेषण जिला सर्विलांस पदाधिकारी करेंगे। उसके बाद हर 15 दिनों में आईडीएसपी के माध्यम से यह डेटा जिला एवं एनएचएम को भेजा जाएगा। जिला स्तर पर उसकी समीक्षा डीसी एवं राज्य स्तर पर खुद एनएचएम के अभियान निदेशक करेंगे।
अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि पॉजिटिव मरीजों की कांटैक्ट ट्रेसिंग से नए मामलों की त्वरित पहचान, आयसोलेशन व ट्रीटमेंट के प्रोटोकॉल का पालन करना है। साथ ही पॉजिटिव मरीजों के वैरिएंट का पता लगाने के लिए सभी पॉजिटिव मरीजों के सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग भी करायी जाए। आरटीपीसीआर लैब को अपना डेटा आईसीएमआर के पोर्टल पर अपलोड करना है।
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