सेल में ई0 परीक्षा रद्द: एटक ने कहा दोषियों पर कब होगी कार्रवाई
एटक ने सेल चेयरमैन को पत्र लिखकर मांगा जवाब
बोकारो/झारखंड
स्टील अथॉरिटी ऑफ इडिया लिमिटेड के विभिन्न प्लांट व कोलियरीज में कार्यरत करीब 11 हजार कर्मचारियों का भविष्य अधर में लटक गया है। 06 नवंबर को सेल प्रबंधन की ओर से आयोजित प्रमोशन परीक्षा में सेल कर्मचारियों ने हिस्सा लिया था। जिसका परीक्षाफल 19 दिसंबर को घोषित कर दिया गया लेकिन 21 दिसंबर होते ही परीक्षा को रद्द इसलिए कर दिया गया क्योंकि इसमें कई सारी अनियमितता पाई गई थी। बताया जा रहा है कि बोकारो के एक अधिकारी ने अनियमितता को पकड़ी है लेकिन कैसी अनियमितता थी और इसके लिए दोषी कौन है इस पर सेल प्रबंधन अब तक कुछ भी नहीं बता पाई है ऐसे में एटक के रामाश्रय प्रसाद सिंह ने सेल चेयरमैन को पत्र लिखकर जवाब मांगा है उन्होंने कहा है कि परीक्षा को रद्द करने का सर्कुलर सेल प्रबंधन द्वारा जारी कर दिया गया।जिसमें कारण बताया गया कि परीक्षा में काफी अनियमितता हुई है तो सवाल उठता है कि कौन है इसका जिम्मेवार?
इसके लिए परीक्षार्थी क्यों सफर करें यह जांच का विषय है जिसकी जांच हो तथा उस रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए ।आश्चर्यजनक पहलू यह है कि अभी तक सेल द्वारा जांच हेतु किसी भी कमिटी का निर्माण नहीं किया गया है जो दुर्भाग्यपूर्ण है। जिससे सेल की विश्वसनीयता पर धक्का लगा है। दूसरी तरफ कार्मिक विभाग के निगरानी में संपन्न परीक्षा में धांधली के सवाल पर कार्मिक विभाग के अधिकारी की काबिलियत पर प्रश्नवाचक चिन्ह लगा है और तो और Anti-Bribery.ISO 37001: 2016. के सर्टिफिकेट से बोकारो स्टील प्लांट को सर्टिफाई किया गया है। जो सेल का पहला एकमात्र प्लांट है शक के दायरे में आ चुका है परीक्षा में पास करवाने के नाम पर करोड़ों का लेन-देन की बात सामने आ रही है जो बहुत ही दुखद है।
इस संबंध में एटक ने चेयरमैन के समक्ष अपनी मांगे रखी
1. सेल में भी डीओपीटी के गाइडलाइन के तहत वरिय कर्मियों को वरीयता के आधार पर अधिकारी बनाया जाए।इस परीक्षा में पास किए हुए निर्दोष कर्मियों की साक्षात्कार कर अधिकारी वर्ग में पदोन्नति दिया जाए।
2. जिओ के पूरे प्रक्रिया कि निष्पक्ष. स्वतंत्र एजेंसी के माध्यम से जांच किया जाए तथा उसे सार्वजनिक किया जाए और जो अधिकारी चाहे वह ईडी हो या जीएम सस्पेंड किया जाए, कर्मियों के साथ न्याय किया जाए, धांधली करने वाले चेहरे को बेनकाब किया जाए। जिस एजेंसी ने इस परीक्षा को संचालित किया है उसे ब्लैकलिस्टेड कर मुकदमा चलाया जाए।इस रैकेट का भंडाफोड़ किया जाए तथा सेल के उन अधिकारियों को दंडित किया जाए जो इस धांधली को अंजाम देने में शामिल पाए जाए.
3. परीक्षा केंद्र की अव्यवस्था परीक्षार्थियों के ओमर सीट की परीक्षा खत्म के आधा घंटा पहले फोटो खींचना परीक्षा की पारदर्शिता के लिए गंभीर सवाल है जो जांच का विषय है?
4. अपने संसाधन होने के बावजूद परीक्षा केंद्र शहर से करीब 20 से 25 किलोमीटर दूर परीक्षा केंद्र बनाने का क्या मकसद था परीक्षा केंद्र पर परीक्षाक कौन थे, कार्मिक विभाग क्या कर रहा था, प्रश्न पत्र कितने सेट बने, प्रश्नपत्र चयन किसने किया, परीक्षा केंद्र तथा परीक्षा संचालन करने वाली एजेंसी की मिलीभगत धांधली में शामिल था, तो उसे अभी तक सजा क्यों नहीं मिली?
5. परीक्षा निरस्त होने की सूचना एक सर्कुलर के माध्यम से जारी करने का तरीका बहुत गैर जिम्मेवार है, क्योंकि जिस सर्कुलर नंबर से परीक्षा के नतीजे घोषित हुए, उसी सर्कुलर नंबर से परीक्षा रद्द होने का भी सर्कुलर जारी किया गया यह कार्मिक विभाग के गैर जिम्मेवारी पूर्ण रवैया को दर्शाता है.
6. यूनियन ने मूल्यांकन के तरीके पर शुरू से ही आपत्ति दर्ज की है फिर भी सेल प्रबंधन लिखित परीक्षा को कॉन्ट्रैक्ट पर दे दिया जिसका विरोध 2008 से ही हो रहा है.