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100 यूनिट फ्री बिजली के लिए उर्जा विभाग को 2,733 करोड़ रुपये, अन्य विभागों को क्या मिला?

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झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन बुधवार को भाजपा के बहिष्कार के बीच 8533 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक बजट ध्वनिमत से पारित हुआ। भाजपा विधायक भानू प्रताप शाही ने अनुपूरक बजट पर कटौती प्रस्ताव रखा था, जो ध्वनिमत से गिर गया।

राजकोषीय लक्ष्यों पर नहीं होगा प्रतिकूल प्रभाव
बजट पर जवाब देते हुए वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि अनुपूरक बजट से राजकोषीय लक्ष्यों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। सरकार अपने बेहतर वित्तीय प्रबंधन से इस अतिरिक्त राशि की व्यवस्था करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में कम आय वर्ग को 100 यूनिट बिजली मुफ्त दी जा रही है, इसे लागू कर दिया गया है। इसपर आनेवाले खर्च के लिए 2733 करोड़ रुपये का प्रावधान ऊर्जा विभाग के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा आंगनबाड़ी सेविकाओं का मानदेय दोगुना किया गया है। कई सामाजिक योजनाएं शुरू की गई हैं, जिसपर खर्च बढ़ा है।

अनुपूरक बजट में अन्य विभागों को क्या मिला
कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग को 595 करोड़ रुपये कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग को 595 करोड़ रुपये, खाद्य सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता विभाग को 197 करोड़ रुपये, स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग को 434 करोड़ रुपये, गृह, कारा एवं आपदा विभाग को 220 करोड़ रुपये, श्रम नियोजन प्रशिक्षण विभाग को 160 करोड़ रुपये, ग्रामीण विकास विभाग को 217 करोड़ रुपये, नगर विकास एवं आवास विभाग को 251 करोड़ रुपये, अनुसूचित जाति, जनजाति व अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को 1058 करोड़ रुपये, ग्रामीण कार्य विभाग को 350 करोड़ रुपये, महिला बाल विकास विभाग 1158 करोड़ रुपये का प्रावधान अनुपूरक बजट में किया गया है।

नियोजन नीति रद्द होने से प्रभावित हुए 7 लाख बच्चे
अनुपूरक बजट के पक्ष में बोलते हुए सुदिव्य सोनू ने कहा कि नियोजन नीति पर हाईकोर्ट के फैसले पर वे कुछ नहीं कहेंगे, लेकिन इस निर्णय से झारखंड में सात लाख बच्चों के घर मे मातम पसरा हुआ है। भाजपा के लोग नहीं चाहते कि झारखंड के युवाओं को नौकरी मिले। इसलिए झारखंड के बाहर के लोगों से कोर्ट में पिटीशन दायर किया गया। नियोजन नीति के खिलाफ 20 लोग हाईकोर्ट गए थे, जिसमें मात्र एक झारखंड के हैं, वे भी भाजपा के। उन्होनें कहा कि बाबूलाल मरांडी की सरकार में स्थानीय नीति बनी, ओबीसी का आरक्षण बढ़ाया गया, हाईकोर्ट ने खारिज किया तो वे लोग सुप्रीम कोर्ट नहीं गए। यह भाजपा की मंशा को दर्शाता है।

प्रदीप यादव ने केंद्रीय एजेंसियों को लेकर क्या कहा? 
अनुपूरक बजट के समर्थन में बोलते हुए प्रदीप यादव ने कहा कि भाजपा के तीन सिपाही, आईटी, ईडी और सीबीआई। ये लोग देशभर में विपक्ष की सरकारों को अपने सिपाहियों से परेशान कर रही है। इसके बावजूद तमाम परेशानियों को दरकिनार करते हुए राज्य सरकार अपना काम पूरा करेगी। प्रदीप यादव ने कहा कि राज्य के युवाओं का भविष्य भाजपा ने ही बर्बाद किया है। 20 साल से इन्हीं का शासन रहा है। युवाओं को ये लोग दिग्भ्रमित कर रहे हैं। अगर ये लोग झारखंड का हित चाहते हैं तो केंद्र में इनकी सरकार है, केंद्र के पास जाकर झारखंड के हितों की रक्षा की वकालत करें। 9वीं अनुसूची में शामिल होने से 1932 आधारित स्थानीयता और आरक्षण नीति को सुरक्षा कवच मिलेगा।

मनरेगा घोटाले में जेल में बंद निलंबित आईएएस पूजा सिंघल का मामला सदन में उठा। भाजपा विधायक सीपी सिंह ने कहा कि पूजा सिंघल व भ्रष्टाचार के आरोपियों के खिलाफ ईडी ने दो-दो बार विस्तृत रिपोर्ट दी और पीसी एक्ट लगाने को कहा, लेकिन राज्य सरकार ने ईडी की रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं की।

बीजेपी विधायक भानुप्रताप शाही कटौती प्रस्ताव लाए
अनुपूरक बजट पर कटौती प्रस्ताव पेश करते हुए भानू प्रताप शाही ने नियोजन नीति पर मुख्यमंत्री व सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि दसवीं व 12वीं पास की नीति लाकर यहां के मूलवासी व आदिवासी छात्रों को बाहर कर दिया गया, जो बाहर पढ़ाई करते थे। भानू ने कहा कि मुख्यमंत्री ने इसी सदन में 23 मार्च को कहा था कि 1932 आधारित नियोजन नीति बनी तो कोर्ट में खारिज हो जाएगी, लेकिन अगस्त में खनन मामले में चुनाव आयोग ने राजभवन को पत्र लिखकर हेमंत सोरेन को बुलाया तो 1932 की याद आयी। फिर तीन नवंबर को ईडी ने समन भेजा तो 11 नवंबर को इसे पास करने के लिए विशेष सत्र बुलाया। भानू ने कहा कि सरकार की नीति भेदभावपूर्ण, त्रुटिपूर्ण और तुष्टिकरण की राजनीति से प्रभावित थी, इसलिए हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया।

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