[ad_1]
झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज 5वां और आखिरी दिन है। आज भी सत्र की शुरुआत काफी हंगामेदार रही। सत्र की शुरुआत में ही बीजेपी विधायक अलग-अलग मांगों को लेकर प्रवेश द्वार पर धरने पर बैठ गए। विपक्ष ने महिला सुरक्षा, बिजली संकट, पोषण सखियो की सेवा समाप्ति सहित कई मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। गौरतलब है कि शीतकालीन सत्र की शुरुआत से लेकर अब तक सदन की कार्यवाही कई बार रोकनी पड़ी। विधायकों के हंगामे की वजह से सदन में कई बार गतिरोध उत्पन्न हो गया।
विभिन्न मांगों को लेकर धरने पर बैठे विधायक
निरसा विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक अपर्णा सेनगुप्ता जामताड़ा और धनबाद को जोड़ने वाले बारबेंदिया पुल के अविलंब निर्माण सहित निरसा के पाण्ड्रा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को चालू कराने की मांग को लेकर धरने पर बैठीं। बीजेपी विधायक बिरंची नारायण ने प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध का मुद्दा उठाया। गौरतलब है कि साहिबगंज के बोरियो प्रखंड में आदिम पहाड़िया जनजातीय समुदाय की युवती रेबिका पहाड़िन की हत्या को लेकर विपक्ष सरकार पर लगातार हमलावर है। राजमहल विधायक विधानसभा के प्रवेश द्वार पर साहिबगंज में प्रस्तावित रेलवे ओवर ब्रिज की मांग उठाई। पांकी विधायक शशिभूषण मेहता ने बिजली संकट और बिल का मुद्दा उठाया।
हंगामे में बीता विधानसभा का शीतकालीन सत्र
गौरतलब है कि झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का अधिकांश समय हंगामे में बीता है। कई बार बीजेपी विधायक वेल में आ गए। झारखंड के साहिबगंज जिले में रिका पहाड़िन हत्याकांड को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर है। बीजेपी विधायकों ने सदन में सरकार पर आरोप लगाया कि वह राज्य में महिलाओं को सुरक्षा देने में विफल साबित हुई है। हेमंत सरकार की नियोजन नीति को हाईकोर्ट द्वारा रद्द किए जाने का मामला भी काफी सुर्खियों में है। बीजेपी विधायक इसे फर्जी बताते हुए रद्द करने की मांग कर रहे हैं। बुधवार को छात्रों ने भी विशाल प्रदर्शन किया था।
[ad_2]