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74 वर्ष बाद केंद्र सरकार ने दी मूल पहचान: दर्शन

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रांची, संवाददाता। 74 वर्ष के संघर्ष के बाद केंद्र सरकार ने खरवार समाज को उनकी मूल पहचान दी है। एक ओर जहां राज्य सरकार हमारे साथ अन्याय कर रही है, दूसरी ओर केंद्र सरकार ने हमारे दर्द को समझा। यह बातें शनिवार को खरवार भोगता समाज विकास संघ के केंद्रीय अध्यक्ष दर्शन गंझू ने कहीं। वे खरवार भोगता समाज विकास संघ केंद्रीय समिति की ओर से मोरहाबादी स्थित रांची कॉलेज के फुटबॉल मैदान में आयोजित खरवार भोगता स्वाभिमान सह आभार महारैली में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार ने खरवार की आठ उपजातियों को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी शामिल करने से संबंधित बिल को रोकने के लिए कई षड्यंत्र किए। मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने इसके लिए विशेष सचिव को पत्र लिखा, लेकिन केंद्र सरकार ने इसको दरकिनार करते हुए अनुसूचित जातियां एवं अनुसूचित जनजातियां संशोधन विधेयक को लोकसभा व राज्यसभा से पारित किया। समाज के लोगों ने इस रैली के जरिए पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाम, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा व केंद्र सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम में योधेश्वर सिंह भोगता, रामनाथ गंझू, अदालत देशवाली, रामदेव सिंह, हरेंद्र सिंह, राम लखन सिंह भोगता, अलहाद मांझी, देवनारायण गंझू, झलकू गंझू, उमेश सिंह भोगता, बाबू लाल गंझू, संजय प्रधान, विशनु कांत भोगता, हरासनाथ भोगता, संजय कुमार गंझू, विश्वनाथ समेत अन्य उपस्थित थे।

विधानसभा में राज्य सरकार को देंगे मुंहतोड़ जवाब

दर्शन गंझू ने कहा कि समाज के लोगों में राज्य सरकार के प्रति आक्रोश है। अगले विधानसभा व लोकसभा चुनावों में समाज के लोग सरकार को मुंहतोड़ जवाब देंगे। महारैली में झारखंड के अलावा यूपी, बंगाल, ओडिशा व छतीसगढ़ से भी समाज के लोग पहुंचे थे। भीड़ के कारण मोरहाबादी मैदान के चारों ओर गाड़ियों की लाइन लग गई। दोपहर एक बजे से चार बजे तक कार्यक्रम स्थल के पास मेला सा नजारा रहा। वहीं, दोपहर करीब तीन बजे मोरहाबादी से कांके रोड जाने वाली सड़क जाम हो गई।

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