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ग्रामीण स्तर पर छिपी खेल प्रतिभाओं को तराशने के लिए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री कप आमंत्रण फुटबॉल प्रतियोगिता की शुरुआत की है, लेकिन इस टूर्नामेंट में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं मिल रहा है। धनबाद में चल रहे प्रमंडल स्तरीय टूर्नामेंट में भाग लेने पहुंचे खिलाड़ियों को कंबल तक नहीं मिल रहा है। मैच खेल कर लौट रहे खिलाड़ियों को बेहतर खाने की जगह चावल और सब्जी दिया जा रहा है। टीम प्रबंधन ने इसकी शिकायत खेलमंत्री और मुख्यमंत्री से करने का निर्णय लिया है।
इनडोर स्टेडियम में ठहरी हैं महिला खिलाड़ी
धनबाद में आयोजित प्रमंडल स्तरीय टूर्नामेंट में भाग लेने हजारीबाग, कोडरमा, चतरा की टीमें भाग लेने पहुंची है। इसमें महिला खिलाड़ियों को इनडोर स्टेडियम में ठहरने का इंतजाम किया गया है। वहीं पुरुष टीम को आईएसएम कैंपस में ठहराया गया है। इनडोर स्टेडियम में रुकने वाली महिला खिलाड़ियों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसकी शिकायत टीम के कोच मैनेजर ने जिला खेल पदाधिकारी से की गई है।
18 खिलाड़ियों की टीम को मिले तीन कंबल
चतरा टीम के खिलाड़ियों ने बताया कि उन्हें मात्र तीन कंबल दिए गए हैं। कई लड़कियां अपने घर से कंबल लेकर पहुंची हैं, उसी के भरोसे बुधवार की रात काटी है। किसी भी महिला खिलाड़ी को तकिया नहीं दिया गया है। खिलाड़ी अपने बैग को ही तकिया बनाकर सो रही हैं। टीम मैनेजर उर्मिला देवी ने बताया कि खाना भी खराब था, एक खिलाड़ी का पेट भी खराब हो गया। इनडोर स्टेडियम में ठहरी खिलाड़ियों ने बताया कि बुधवार को रात 11 बजे उन लोगों को खाना दिया गया। शाम से खाने का इंतजार करते-करते कई लड़कियां बाहर जाकर खाने को मजबूर हुईं। हजारीबाग की कप्तान सन्नी टुडू ने कहा कि इतने ठंड में गर्म पानी नहीं मिल रहा है। कई खिलाड़ी ठंड की वजह से खांसी-सर्दी का शिकार हो गई है। सुबह और शाम के चाय का भी इंतजाम नहीं है।
महिला खिलाड़ियों के लिए टॉयलेट की कमी
इनडोर स्टेडियम में रूकी महिला खिलाड़ियों को टॉयलेट की कमी भी झेलनी पड़ रही है। वहां रुकी 72 खिलाड़ियों के लिए सिर्फ पांच टॉयलेट है। सुबह टॉयलेट के बाहर खिलाड़ियों की कतार लगी रहती है। खिलाड़ियों ने बताया कि समय पर मैदान पहुंचने के लिए सुबह पांच बजे ही उठना पड़ता है। ऐसे में टॉयलेट की पर्याप्त सुविधा नहीं होने से महिला खिलाड़ियों को परेशानी होगी है।
खिलाड़ियों को पर्याप्त और अच्छा खाना नहीं
जिला खेल पदाधिकारी दिलीप कुमार ने बताया कि टीम के खाने के लिए एक समय निर्धारित है। हजारीबाग की टीम आईएसएम कैंटीन में समय के बाद पहुंची थी, फिर भी उसे खाना उपलब्ध कराया गया। चतरा टीम को कंबल नहीं रहने की सूचना मिलने पर उन्हें अतिरिक्त कंबल दिया गया। खेल विभाग अपनी तरफ से खिलाड़ियों को हर सुविधा देने का प्रयास कर रहा है।
हजारीबाग के टीम के खिलाड़ियों को सही ढंग से खाना भी नहीं मिल पाया। टीम के कोच प्रदीप सिंह ने बताया कि मैच की वजह से खिलाड़ी देर से खाने के लिए कैंटीन पहुंचे तो उन्हें लौटा दिया गया। बहुत दबाव देने के बाद खाने में चावल और सब्जी मिला। वहीं बिरसा मुंडा पार्क में खेलने वाले खिलाड़ी पत्तल नहीं मिलने की वजह से हाथों में रोटी लेकर खाने को मजबूर हुए।
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