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पुण्य रात की आराधना में जुटे इसाई समुदाय के लोग

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तोरपा, प्रतिनिधि।

बालक प्रभु यीशु का जन्म आधी रात को गोशाला में हुआ है। पुण्य रात की आराधना में यह सुसमाचार मुख्य अनुष्ठाता द्वारा सुनाते ही हर ओर खुशी छा गई। गिरजाघरों में आधी रात को घंटियां बजने लगी। भजन का दौर शुरू हो गया।

आरसी चर्च में पल्ली पुरोहित नन्हे यीशु को गोद में लेकर आते हैं और उसे चूमकर चरनी पर लिटा देते हैं। उपस्थित लोग बालक यीशु का दर्शन करते हैं और इसी के साथ प्रभु यीशु के जन्म की खुशियां मनाने का दौर शुरू हो जाता है। ‘‘मरियम कर कोरा में का तारा टिमटिम-टिमटिम चमकेला, तारा ना लागे प्रभु यीशु चमकेला, जगत कर राजा यीशु जनम लेलक चला उके देखेक जाब रे, बैतुलम गोहर माझे, आज एक बालक जन्मा है। भजन मंडली द्वारा प्रस्तुत इन गीतों के साथ ही मसीही विश्वासियों का उत्साह चरम पर पहुंच गया। प्रभु भजन पर लोग झूमते-गाते हैं। इससे पूर्व रात नौ बजे से पुण्यरात की आराधना शुरू हो गई थी। फादर जोन तोपनो मुख्य अनुष्ठाता थे। पल्ली पुरोहित फादर हिरालाल हुन्नी पूर्ति ने अपने संदेश में कहा- यीशु का जन्म एक मुक्तिदाता के रूप में हुआ। आज ही के दिन बेतलेहम की चरनी में प्रभु यीशु का जन्म हुआ था। प्रभु यीशु ने सभी के बीच खुशियां बांटने व दीन-दुखियों की मदद करने का संदेश दिया है। उन्होंने कहा- जहां संबंध अच्छा होता है, वहीं खुशियां भी होती है। सभी को एक-दूसरे के साथ अच्छा संबंध बनाकर रहना चाहिए।

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