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पूजा सिंघल की गिरफ्तारी से लालू को सजा तक, ये हैं इस साल के चर्चित फैसले

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रांची सिविल कोर्ट स्थित सीबीआई व ईडी अदालतें साल 2022 में अपने कई महत्वपूर्ण फैसले के लिए चर्चित रहीं। चारा घोटाले के 26 साल पुराने एक मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को सीबीआई कोर्ट ने सजा सुनाई। उन्हें जेल जाना पड़ा। वहीं, मांडर विधायक बंधु तिर्की की आय से अधिक संपत्ति मामले में सजा होने के बाद विधायकी चली गई। ईडी कोर्ट पर पूरे देश की नजरें टिकी रहीं।

आईएएस पूजा सिंघल के साथ विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और राजीव कुमार के मामले सुर्खियों में रहे। जबकि सेशन कोर्ट ने पूर्व मंत्री योगेंद्र साव एवं तत्कालीन विधायक उनकी पत्नी निर्मला देवी को जानलेवा हमले समेत अन्य आरोप में दोषी पाकर 10 साल की सजा सुनाई।

कोविड के बाद फरवरी से कोर्ट में सुनवाई सामान्य हुई। इस साल राज्य में गैर-कानूनी गतिविधियों के आरोप में एनआईए ने 4 केस दर्ज किया। इसमें नक्सली बलराम उरांव समेत कई नक्सलियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। हालांकि इस साल भी एनआईए से जुड़े एक भी मामले में फैसला नहीं आ सका।

सीबीआई कोर्ट ने चारा घोटाले के पांच मामलों में अभियुक्त लालू प्रसाद को अंतिम मामले में दोषी पाकर पांच साल कैद की सजा सुनाई। इसके कारण उन्हें लंबे समय तक न्यायिक हिरासत में रहने के बाद जमानत मिली।

आय से अधिक संपत्ति में बंधु के खिलाफ निर्णय खास रहा। सीबीआई कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति मामले में मांडर विधायक बंधु तिर्की को तीन साल की सजा सुनाई। इसके कारण उनकी विधायकी चली गई।

मनी लाउंड्रिंग में एक आईएएस समेत सात गए जेल ईडी ने मनी लाउंड्रिंग मामले में सात केस दर्ज किया। आईएएस पूजा सिंघल, बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा, प्रेम प्रकाश, वकील राजीव कुमार, कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल समेत सात को जेल भेजा गया।

पूर्व मंत्री योगेंद्र साव व उनकी पत्नी को 10 साल सजा 
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर योगेंद्र साव से जुड़े हजारीबाग कोर्ट से स्थानांतरित मामले की सुनवाई करते हुए रांची के सेशन कोर्ट ने एक मामले में 10 साल की सजा सुनाई। इसमें उनकी पत्नी निर्मला देवी को जेल जाना पड़ा। हालांकि और कई मामलों में साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया।

दो दशक कई पुराने मामले में नहीं आ सके फैसले
 भ्रष्टाचार के आरोप में सीबीआई एवं एसीबी कोर्ट में दो दशक या उससे अधिक पुराने मामलों में से सिर्फ एक मामले में ही इस साल फैसला आया, जबकि लगभग 50 केस लंबित हैं। इसमें अलकतरा घोटाला, भूमि घोटाला जैसे मामले हैं। नये साल में चारा घोटाले के अंतिम मामले में फैसला आ सकता है। सुनवाई अंतिम चरण में है।

मंत्री समेत विधायकों ने लगाई अदालत में हाजिरी
बीज घोटाले के एक मामले में राज्य के मंत्री सत्यानंद भोक्ता को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद एसीबी कोर्ट में हाजिरी लगानी पड़ी। वहीं, मनी लाउंड्रिंग के आरोपी मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, पूर्व मंत्री सह विधायक भानु प्रताप शाही, कमलेश सिंह ने समय-समय पर हाजिरी लगाई।

नक्शा विचलन में 11 साल बाद आरोप तय इधर, राजधानी में नक्शा विचलन कर रानी अस्पताल एवं जगन्नाथ अस्पताल बनाने वाले निदेशक डॉ. राजेश कुमार एवं डॉ. सुधीर कुमार के खिलाफ 11 साल बाद सीबीआई कोर्ट ने आरोप तय किया।

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