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बीसीसीएल सिजुआ क्षेत्र के मोदीडीह कोलियरी अंतर्गत बाइस/बारह बस्ती व तेतुलमुड़ी बस्ती में पुन दरार व गोफ बनने से ग्रामीणों में दहशत व्याप्त हो गया। बीते रात पुन जोरदार आवाज के साथ गोफ बनकर कई घरों में दरार पड़ गई। इस बार बने गोफ में संवेदक वाजिद अंसारी के घर के समीप गैराज क्षतिग्रस्त हो गया। गैराज का एक बड़ा हिस्सा जमीन में समां गया। जिसमें रखे एक पूराना बाइक, बिजली मरम्मत की टूल कीट, सेफ्टी बेल्ट सहित अन्य सामान जमींदोज हो गया। मो. वाजिद की मानें तो इस गोफ में दो से ढाई लाख की संपत्ति जमीन में समां गयी है। वहीं बगल के रहने वाले व्यवसाई मो. इस्तियाक अंसारी घरों में दरार पड़ गई, दीवारे फट गई। भुक्तभोगी मो. वाजिद ने मामले की लिखित शिकायत जोगता थाने में दी है।
आउटसोर्सिंग पैच में हैवी ब्लास्टिंग
ग्रामीणों का आरोप है कि गांव से सटे बगल में चल रहे आउटसोर्सिंग पैच में हैवी ब्लास्टिंग के कारण उक्त घटना घटी है। गैराज के आस-पास घनी आबादी है। गैराज के बजाय यह गोफ यदि आबादी के बीच होती तो कई लोगों के साथ अप्रिय घटना हो सकती है। फिलहाल इस घटना के बाद ग्रामीणों में भय का माहौल बना हुआ है। मोदीडीह कोलियरी को घटना की जानकारी मिलने के बाद गोफ स्थल की पानी व मिट्टी पत्थर देकर भराई कर दी, जबकि सुरक्षा के दृष्टिकोण से घेराबंदी की गई।
इसके पूर्व 17 जुलाई 2006 कुर्बान मियां के घर के आंगन में गोफ बना था, लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ था। 7 अक्टूबर 2011 अरसद, शाहबुद्दीन, नोसाद, अमीन, अताउल्लाह, राजा घर के पास गोफ बनी, 4 जून 2014 सिजुआ एरिया के पास पूर्व मंत्री ओपी लाल के नेतृत्व में धरना दिया गया था। ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पुनर्वास की मांग की गयी थी। 17 जून को बस्ती में छज्जा गिरने से मकसूद आलम के बेटा सौएब घायल हो गया था था। 1 नवंबर 2021 को बड़ी मस्जिद क्षतिग्रस्त हो गया था। मोदीडीह कोलियरी के मैनेजर जीएल धुर्वे ने कहा कि घटना की जानकारी मिली है। सेफ्टी ऑफिसर को मौके पर भेजा गया था, घेराबंदी कर दी गई है।
सोमवार को हो रही गोफ की भराई
रविवार होने के कारण आज करवाई नहीं हो पाया, लेकिन सोमवार को भराई की जाएगी। वैसे कोई ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है, पुराना गैरेज था। बताया जाता है कि बाइस/बारह बस्ती व तेतुलमुड़ी बस्ती को बीसीसीएल व डीजीएमएस ने पूर्व में ही डेंजर जोन घोषित कर दिया है। पुनर्वास की जिम्मेवारी जरेडा को सौंपा था। दूसरी ओर बस्ती के रैयत व गैर रैयत ने सिजुआ एरिया के अधीन पुनर्वास कराने की मांग पर अडिग है।
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