सेल में एटक के संरक्षित सदस्यों का स्थानांतरण गैरकानुनी-रामाश्रय
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पिछले साल स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड(सेल)में कर्माचारियों के वेज रिवीजन की मांग को लेकर बोकारो स्टील प्लांट सहित अन्य प्लांटों में सभी यूनियनों के आह्वान पर हड़ताल किया गया था। जिसके बाद प्रबंधन ने वैसे लोगों को चिन्हित किया जो हड़ताल में शामिल थे। इसमें कुछ ऐसे भी मजदूर यूनियन के नेता है जो मजदूर कानून आईडी एक्ट 1947 के तहत संरक्षित है। उनके द्वारा किए गए आंदोलन पर कोई विशेष कार्रवाई नहीं होती है। यह जानकारी एटक के महामंत्री रामाश्रय प्रसाद सिंह ने बीएसएल के निदेशक प्रभारी व चैयरमेन को दी है। इसके साथ ही स्थानांतरित कर्मचारी को वापस बुलाने की मांग की है। श्री सिंह के अनुसार सेल प्रबंधन ने यूनियन के प्रोटेक्टेड मेंबर को भी नहीं बक्सा। इसी क्रम में रंधीर कुमार को भद्रावती ट्रांस्फर कर दिया गया। जिसपर कोई भी स्पष्ट आरोप नहीं है। यही नहीं राजीव कुमार का स्थानांतरण कोलयरी में कर दिया गया। जबकि यदि नियम कानून की बात करें तो आंदोलन में शामिल किसी भी कर्मचारी को प्रबंधन अपनी शक्तियों का उपयोग कर अपने ही प्लांट के दुसरे विभाग में स्थानांतरित कर सकती है। लेकिन स्टील प्लांट में योगदान देनेवाले को कोलयरी या फिर 2000 किमी दुर नहीं भेज सकती है। यह पूरी तरह से अवैध है। जिसपर प्रबंधन को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। यूनियन नेता के इस पत्र की चर्चा से अब बाजार गर्म है। प्रबंधन के अधिकारियों में भी आडीएक्ट की चर्चा होने लगी है। हालांकि अबतक प्रबंधन की ओर से मामले पर कुछ भी नहीं कहा गया है।