6 बड़े महायोगो में इस वर्ष(2023) मनेगा अक्षय तृतीया का पवित्र त्यौहार
इसी दिन कुंती पुत्र युधिष्ठिर को अक्षय पात्र की हुई थी प्राप्ति
सोना खरीदने के लिए 22 घंटे का अत्यंत ही शुभ समय
अक्षय तृतीया के दिन ही महर्षि वेद व्यास ने महाभारत लिखना शुरू किया था
AKSHAY TRITYA MUHURT(2023)
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देशभर में 22 अप्रैल को अक्षय तृतीया का पवित्र पर्व मनाया जाएगा। इस दिन घर में सोने चांदी के सामानों के अलावा कार फ्लैट सहित अन्य सामानों के खरीदारी के लिए कई शुभ मुहूर्त निर्धारित है। पंडितों की माने तो इस बार सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर 49 मिनट से प्रारंभ हो रहा है। यह अगले दिन सुबह 05 बजकर 48 मिनट तक है। इस दिन सोना खरीदारी का मुहूर्त करीब 22 घंटे तक है। इस दिन सोना खरीदने से अभिष्ट फल की प्राप्ति होगी।
6 शुभ महायोगों में इस बार अक्षय तृतीया मनेगा
22 अप्रैल 2023 का दिन शनिवार होने के कारण इस बार अक्षय तृतीया कई महयोगों के बीच पड़ रही है। इस दिन सूर्य और चन्द्रमा दोनों ही अपनी उच्च राशि में होते है। ऐसा खास संयोग साल में सिर्फ अक्षय तृतीया पर ही बनता है। इस दिन सूर्य मेष में और चन्द्रमा वृषभ राशि में होते है। इन सब संयोगों के साथ कृतिका नक्षत्र तथा 6 शुभ योगों का निर्माण अत्यंत ही मंगलकारी है। हर साल अक्षय तृतीया वैशाख शुक्ल की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। इस दिन त्रिपुष्कर योग-सुबह 5 बजकर 49 मिनट से सुबह 7 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। आयुष्मान योग-सुबह 8 बजकर 3 मिनट तक रहेगा। सौभाग्य योग-सुबह 8 बजकर 3 मिनट से पूरी रात शुभ फलदायी रहेगा। वहीं सर्वार्थ सिद्धि, सर्वाअमृत और रवि योग-रात 11 बजकर 24 मिनट से 23 अप्रैल की सुबह 05 बजकर 48 मिनट तक रहेगा।
महाभारत आज ही दिन लिखना शुरू हुआ था
अक्षय तृतीया के दिन ही महर्षि वेदव्यास ने महाभारत लिखना आरंभ हुआ था। इसी दिन महाभारत के युधिष्ठिर को “अक्षय पात्र” की प्राप्ति हुई थी। इस अक्षय पात्र की विशेषता थी, कि इसमें से कभी भोजन समाप्त नहीं होता था। इस पात्र के द्वारा युधिष्ठिर अपने राज्य के निर्धन एवं भूखे लोगों को भोजन दे कर उनकी सहायता करते थे। इसी मान्यता के आधार पर इस दिन किए जाने वाले दान का पुण्य भी अक्षय माना जाता है।इस दिन मिलने वाला पुण्य कभी खत्म नहीं होता।
इसी दिन कृष्ण ने द्रौपदी को दिया वचन निभाया था
महाभारत में अक्षय तृतीया की एक और कथा प्रचलित है। इसी दिन दुशासन ने द्रौपदी का चीरहरण किया था। द्रौपदी को इस चीरहरण से बचाने के लिए श्री कृष्ण ने कभी न खत्म होने वाली साड़ी का दान किया था। अक्षय तृतीया के पीछे हिंदुओं की एक और रोचक मान्यता है। जब श्री कृष्ण ने धरती पर जन्म लिया तब अक्षय तृतीया के दिन उनके निर्धन मित्र सुदामा कृष्ण से मिलने पहुंचे।
इसी दिन सुदामा ने कृष्ण को किया था अन्न अर्पित
इसी दिन सुदामा के पास कृष्ण को देने के लिए सिर्फ चार चावल के दाने थे। वहीं सुदामा ने कृष्ण के चरणों में अर्पित कर दिये। परंतु अपने मित्र एवं सबके हृदय की जानने वाले अंतर्यामी भगवान सब कुछ समझ गए और उन्होने सुदामा की निर्धनता को दूर करते हुए उसकी झोपड़ी को महल में परिवर्तित कर दिया और उसे सब सुविधाओं से सम्पन्न बना दिया। तब से अक्षय तृतीया पर किए गए दान का महत्व बढ़ गया। इस दिन उड़ीसा के जगन्नाथपूरी से रथयात्रा भी निकाली जाती है।
इस राशियों के जातकों को यह करना चाहिए-
मेष और वृश्चिक राशि-
इन दोनों राशियों के स्वामी मंगल हैं। इन राशि के जातकों को अक्षय तृतीया के दिन आटा, चीनी, गुड़, सत्तू,फल या मीठे व्यंजनों का दान करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है एवं धन-सम्पत्ति का लाभ होता है।इसके अलावा भूमि-भवन से जुडी समस्याएं भी दूर होती हैं।
वृषभ और तुला राशि
इन दोनों राशियों के स्वामी शुक्र हैं। इन राशि के जातकों को अक्षय तृतीया पर कलश में जल भरकर दान करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से जातक को धन लाभ और शुक्र दोष का प्रभाव कम किया जा सकता है। इन राशि के लोगों को अक्षय तृतीया के दिन सफेद वस्त्रों, दूध, दही, चावल, खांड आदि का दान करना भी बहुत फलदाई होगा।
मिथुन और कन्या राशि
इन राशियों के स्वामी बुध होते हैं। मिथुन राशि के जातकों को अक्षय तृतीया पर मूंग की दाल, हरी सब्जियां और गाय को चारा दान करना चाहिए। मान्यता है कि इससे सुख समृद्धि और धन का लाभ मिलेगा एवं मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी।
कर्क राशि
कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा हैं। इस राशि से संबंधित लोगों को अक्षय तृतीया के दिन चांदी,मोती,खीर,चावल,चीनी,घी और जल का दान करना चाहिए। ऐसा करने से धन लाभ होता है,घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होकर सुख-समृद्धि आती है।
सिंह राशि
इस राशि के स्वामी सूर्य है। इस राशि के जातक को अक्षय तृतीया के दिन सूर्य को जल देना चाहिए तथा गुड,गेहूं,सत्तू,तांबा आदि का दान करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान सूर्य नारायण की कृपा आप पर बनी रहेगी एवं घर के सभी सदस्य स्वस्थ्य और समृद्धि रहेंगे।
धनु और मीन राशि
इन दोनों राशियों के स्वामी बृहस्पति हैं। बृहस्पति देव की कृपा पाने के लिए इन राशियों के जातकों को इस दिन पीले कपड़े, हल्दी,पपीता,चना,चने की दाल,केसर,पीली मिठाईयां व जल का दान करना श्रेष्ठ रहता है। मान्यता है कि ऐसा करने से दांपत्य जीवन सुखमय रहता है एवं मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
मकर और कुंभ राशि
इन राशि के स्वामी सूर्यपुत्र शनिदेव हैं। जन्म कुंडली में शनि के अशुभ प्रभाव में कमी तथा शुभ प्रभाव में वृद्धि के लिए इन राशि के जातकों को अक्षय तृतीया के दिन किसी बर्तन में तिल का तेल रखकर घर के पूर्वी किनारे पर रखें, धन लाभ होगा। इस दिन तिल, नारियल,चने का सत्तू,गरीब और असहाय लोगों के लिए वस्त्र और दवाइयों का दान करने से समय अनुकूल रहेगा एवं आपके जीवन की परेशानियां दूर होंगी।
अक्षय तृतीया का क्या है महत्व?
Ans- इस दिन सतयुग से त्रेतायुग की शुरूआत होती है। कहा जाता है कि, इस दिन भगवान विष्णु के अवतार जिनमें हैं परशुराम, हयग्रीव और नर-नारायण में जन्म लिया था।
Q- अक्षय तृतीया के व्रत में क्या खाना चाहिए?
Ans- जो भी आप भगवान को अर्पित करे वही प्रसाद आपको ग्रहण करना चाहिए।
Q- अक्षय तृतीया क्यों मनाई जाती है?
Ans- इस दिन से ही शुभ कार्यों की शुरूआत हो जाती है। इसलिए लोग इसे मनाते हैं।
Q- अक्षय तृतीया के दिन क्या दान करें?
Ans- इस दिन आप चावल, नमक, वस्त्र, फल आदि चीजों का दान कर सकते हैं।
Q- अक्षय तृतीया कब है इसके बारे में कैसे पता करें?
Ans- इसके लिए आप पंचाग कलैंडर से जानकारी ले सकते हैं।