SAIL:जूनियर ऑफिसर्स (JO)की परीक्षा का सीबीआई जांच हो-राजू सिंह
सिर्फ 14 कर्मचारियों को ही पूछा गया कारण,अधिकारियों को मिला प्रशस्ती पत्र
नगर सेवा भवन के एक अधिकारी पर उठ रही है उंगली
लेकिन उसे बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा प्रबंधन
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6 नवंबर को बोकारो स्टील प्लांट(Bokaro Steel Plant)व पूरे सेल(Sail) में आयोजित जूनियर ऑफिसर्स(Jounior officers)की परीक्षा में हुए भ्रष्टाचार(corruption) मामले में बोकारो स्टील वर्कर्स यूनियन के सचिव राजू सिंह ने पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि बीएसएल के 14 कर्मचारियों को शो कॉज किया गया है। लेकिन इसमें शामिल अधिकारी को प्रशस्ती पत्र दिया गया है। इसकी गड़बड़ी का खुलासा करनेवाले सीजीएम पवन कुमार को प्रशस्ती पत्र देने के बाद सजा के तौर पर दुसरे प्लांट में भेज दिया है। पूरे प्रकरण में नगर सेवा भवन के अधिकारी की संलिप्तता की बात भी सामने आ रही है। जिसकी जांच होनी चाहिए। पूरे प्रकरण की जांच में सिर्फ 14 कर्मचारियों को जवाब देने को कहा गया है। ये सभी 14 कर्मचारी पांचों सेंट्रल यूनियन नेताओं के दाहिने हाथ माने जाते है। जिनका बीएसएल के अधिकारियों से बेहतर संबंध रहा है। इस परीक्षा में नगर के सेक्टर वन से सटे एक बस्ती से करीब 60 फीसदी कर्मचारी सफल हो गए थे। जिसकी चर्चा जोरों से है। जिसपर जांच की जा रही है।
चास के जीजीईएस(GGES,Chas) को परीक्षा के लिए बनाया गया था सेंटर
बोकारो स्टील प्लांट के अधीन काम करनेवाले कर्मचारियों के लिए कर्मचारियों के लिए जीजीईएस चास को सेंटर के रूप में प्रबंधन ने चुना था। यह परीक्षा 06 नवंबर 2022 में आयोजित हुआ और 19 दिसंबर 2022 को इसका परिणाम भी जारी कर दिया गया। फिर सीजीएम पवन कुमार को जब इस परीक्षा में हुई सेटिंग गेटिंग की जानकारी मिली तो उन्होंने बगैर बीएसएल के निदेशक प्रभारी से राय शुमारी किए पूरे प्रकरण की जानकारी सेल चैयरमेन को लिखित रूप में दिया। इसके बाद सेल कॉरपोरेट ऑफिर ने देरी नहीं करते हुए उन्हें एक प्रशस्ती पत्र भी दे दिया। जिसके बाद उन्हें उनके भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम के कारण कर्मचारियों ने बधाई दी। फिर उन्हें महज एक ही माह के अंतराल में सेल के दुसरे प्लांट में ट्रांस्फर कर दिया गया। ताकि मामला शांत किया जा सके।
दोषियों को चिन्हित करने के लिए नेताओं ने उठाई थी मांग
बोकारो स्टील प्लांट के अधिन हुए ई0 की परीक्षा में भ्रष्टाचार मामले में कई यूनियन नेताओं ने जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की थी। लेकिन प्रबंधन ने अबतक कोई भी जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की है। एटक के महामंत्री रामाश्रय प्रसाद सिंह ने सेल चैयरमेन को पत्र देकर कहा था कि भ्रष्टाचार मामले को लेकर ई0 की परीक्षा रद्द कर दी गई थी। लेकिन इसमें शामिल लोगों के नाम को क्यो नहीं सार्वजनिक किया। यही नहीं कई नेताओं ने इस पूरे प्रकरण में नगर सेवा भवन के एक बड़े अधिकारी की भुमिका पर संदेह जताई थी।