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SAIL:सेल के गढ़वा माइंस को बंद करने के विरोध में मजदूरों ने एडीएम का किया घेराव

बीएसएल एडीएम के समक्ष प्रदर्शन करते गढ़वा से पहुंचे मजदूर

sail News-सेल के गढ़वा माइंस को बंद करने के विरोध में मजदूरों ने एडीएम का किया घेराव
गढ़वा के भवनाथपुर से 200 की संख्या में पहुंचे मजदूरों ने किया बीएसएल का विरोध
मजदूरों ने एक स्वर में कहा हजारों लोगों की रोजी रोटी बीएसएल ने छिनी है

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सेल(sail) के भवनाथपुर खदान को चालू नहीं किए जाने के विरोध में गढ़वा से पहुंचे कर्मियों ने 22 जून को बीएसएल(BSL) का घेराव किया। करीब 200 की संख्या में इंटक(INTUC) के बैनर तले पहुंचे मजदूरों ने बीएसएल को अल्टीमेटम देते हुए एडीएम बिल्डिंग के समक्ष धरने पर बैठ गए इसके साथ ही लोगों ने प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की इस दौरान उन्होंने बोकारो स्टील प्लांट के एडीएम में घुसने का भी प्रयास किया लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें बीच पर रोक लिया। जिसके बाद भारी संख्या में पहुंची महिलाओं ने सुरक्षाकर्मियों का विरोध किया जिस कारण नोकझोंक भी हुई। आंदोलनकारी डोलोमाइट तुलसीदामर व चूना पत्थर खदान भवनाथपुर को पुनः चालू कराने की मांग पर अड़े रहे।(Bokaro)
730 निबंधित श्रमिकों पर विचार करें प्रबंधन
राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक गढ़वा के अध्यक्ष सुशील कुमार चौबे ने भारी संख्या में मौजूद भीड़ को संबोधित करते हुए कहा बीएसएल प्रबंधन(BSL) खदान को बंद कर मजदूरों के साथ अन्याय कर रही है। कहा भवनाथपुर चूना पत्थर खदान व तुलसीदामर डोलोमाइट खदान में 730 श्रमिक कर्मी निबंधित है इसके अलावा 4 हजार से अधिक गैर निबंधित श्रमिक विगत 30 वर्षों से कार्य कर रहे हैं। लेकिन प्रबंधन ने साजिश रचते हुए 16 फरवरी 2020 से तुलसीधाम डोलोमाइट खदान बंद कर दिया गया। जिसके बाद से यहां कार्य करने वाले श्रमिक पूरी तरह से बेरोजगार हो गए हैं और उनके परिवार के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है ।
हाई कोर्ट में विचाराधीन है मामला
झारखंड उच्च न्यायालय(High court)में दायर याचिका में कहा गया कि तुलसीदामर खदान के मजदूर 30 वषों से काम करते आ रहे हैं और वही काम करेंगे उन्हें हटाया नहीं जा सकता। इसके बाद राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल ने बीएसएल कार्यकारी निदेशक प्रभारी को 4 सूत्री मांग पत्र सौंपा। इस अवसर पर गढ़वा से पहुंचे राम लखन राम, शंभू राम, श्रवण राम ,बैजनाथ चेरो, तेजू पासवान, सुरेंद्र यादव, उदयसिंह, धर्मदेव चेरो, कौशल्या देवी, पिंटू देवी, रुक्मणी देवी, ज्ञानी,रीता देवी, गौरी देवी ,नरेश राम, धनिया देवी, उषा देवी ने जमकर विरोध किया।