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Bokaro:गबन के आरोपी अनुतोष मोइत्रा केस की सुनवाई जल्द होगी शुरू

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Bokaro-बीएसएल में गबन के आरोपी अनुतोष मोइत्रा केस की सुनवाई जल्द होगी शुरू
बीएसएल में 31लाख रुपए गबन का आरोपी है पूर्व सीईओ अनुतोष मैत्रा 
सीबीआई की विशेष कोर्ट में किया था आत्मसमर्पण 
5 लाख रुपए जमा करने के बाद मिली जमानत
लंबी अवधि तक सेवानिवृत्ति के बाद भी केस का दंश झेल लेंगे अनुतोष मात्रा
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बोकारो स्टील प्लांट(BSL)के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी अनुतोष मैत्रा की मुश्किल है कम नहीं होने वाली है ।18 जुलाई को सीबीआई(CBI) की विशेष अदालत में आखिरकार मोइत्रा को बीएसएल में गबन के मामले में आत्मसमर्पण करना पड़ा ।जिसके बाद उन्हें 5 लाख रुपए जमा करने के बाद अदालत ने जमानत दे दी है ।लेकिन उनके खिलाफ अब कोर्ट जल्द ही सुनवाई की प्रक्रिया शुरू कर सकती है । जिसमें राहत या जेल दोनों हो सकती है ।(Bokaro)

सुप्रीम कोर्ट गए थे मोइत्रा
बोकारो (Bokaro)स्टील प्लांट में 31लाख रुपए गबन के मामले में इससे पूर्व मोइत्रा को झारखंड उच्च न्यायालय ने 30 लाख रुपए जमा करने की शर्त पर अग्रिम जमानत दी थी । जिसको लेकर मोइत्रा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
मैत्रा की बेटी की शादी में हुए खर्च के भुगतान को लेकर दिया गया थ फर्जी बिल
वर्ष 2019 में पूर्व CEO अनुतोष मैत्रा की बेटी की शादी में हुए खर्च का भुगतान फर्जी बिल पर कराने को लेकर प्राथमिकी दर्ज हुई थी ।दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, जनता टेंट हाउस के प्रोपराइटर जगमोहन सिंह, गोल्डेन पैलेस इन के मालिक तनवीर सिंह और अमरजीत कौर तथा सिटी सेंटर स्थित फर्निशिंग सेंटर के मालिक प्रमोद भालोटिया को फर्जी बिल देने का आरोपित बनाया गया था । 29 लाख रुपये का दावा चारों वेंडरों ने 45 बिल के जरिये कंपनी में जमा किया, जिसमें सबसे अधिक 38 बिल फर्निशिंग सेंटर के थे ।इसमें जनता टेंट हाउस ने फर्नीचर सप्लाई करने के एवज में पैसा लिया था, जबकि गोल्डेन पैलेस इन के प्रोपराइटर ने टेंट लगाने और 450 लोगों के वीआईपी डिनर और स्नैक्स के नाम पर पैसा लिया था । वहीं, फर्निशिंग सेंटर ने पर्दा, सोफा कवर, बेडशीट सिलाई आदि के लिए पैसा लिया था ।
सभी फर्जी बिल को अजय कुमार, राजवीर सिंह व डीके जाधव ने किया था पास
आरोप पत्र में कहा गया है कि पेश किये गये सभी फर्जी बिल को अजय कुमार व राजवीर सिंह के साथ डॉ एन महापात्रा ने पास किया था. कुछ विपत्र में अजय कुमार को, तो कुछ को डीके जाधव ने स्वीकार किया. वहीं, जगमोहन सिंह, समरेंद्र झा, रवींद्र सिंह, तनवीर सिंह और अमरजीत कौर ने CBI की विशेष न्यायालय में धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराते हुए CBI के बयान का समर्थन किया था. बता दें कि इस मामले में अधिकतर आरोपी रिटायर हो चुके हैं.