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Bokaro:ठेका मजदूरों से 50 फीसदी वेतन वापस लेने का विरोध शुरू

BSL Plant

ठेका मजदूरों से 50 फीसदी वेतन वापस लेने का विरोध शुरू
एटक ने किया बीएसएल के जीएम कार्यालय के समक्ष आंदोलन
अधिकारियों की मौजूदगी में ठेकेदार लेते हैं मजदूरों से वेतन का हिस्सा
वेतन का हिस्सा नहीं देने पर मजदूरों को दिखाया जाता है बाहर का रास्ता
केंद्र की मोदी सरकार के साथ साथ राज्य की सरकार के मौन पर उठ रहे हैं सवाल

प्रदर्शन करते एटक मजदूर संगठन
BOKARO/BSL:बोकारो स्टील प्लांट(BSL) में अधिकारियों के इशारे पर ठेका मजदूरों का व्यापक शोषण हो रहा है। यूनियन के विरोध के बाद ठेकेदार के पक्ष में बीएसएल(BSL) अधिकारियों का खड़ा रहना और कार्रवाई नहीं करना अत्यंत ही गंभीर विषय है। ऐसी स्थिति बोकारो स्टील प्लांट(Bokaro steel plant) के इतिहास में पहले कभी नहीं आई। 19 सितंबर को बीएसएल(Bokaro steel limited) के आरएमपी विभाग के ठेका मजदूरों के अत्याचार के खिलाफ एटक ने मोर्चा खोलकर बीएसएल के खिलाफ जमकर जीएम कार्यालय में प्रदर्शन किया। मजदूरों ने बताया कि सरकार की ओर से तय किया गया वेतनमान लिया तो मजदूरों को काम से हटा दिया गया है। यही नहीं अधिकारियों के इशारे पर पास भी छिन लिया गया है।(Boakro news)

15 वर्षों से काम करनेवाले मजदूरों का वेतन छिना जा रहा
यूनियन के महामंत्री रामाश्रय प्रसाद सिंह ने कहा कि आरएमपी विभाग के उत्पादन में ठेका श्रमिक स्थाई प्रकृति के कार्य में गत 15 वर्षों से संलग्न है । दिनांक 10,.8.2023 एवं 31 .8 .2023 को नए कॉन्टैक्ट में जो क्रमशः एस बी कंस्ट्रक्शन एवं स्टील कंस्ट्रक्शन को मिला है। पुराने मजदूर को काम से बैठाने व नए मजदरो को आईपी नंबर क्रिएट कर लाने की प्रक्रिया आरंभ कर दिया है। इस प्रकार जितना पुराना मजदूर है जो मिनिमम वेज लेता है । सभी के सभी मजदूर बाहर हो जाएंगे। आरएमपी में ठेकेदार नहीं बदलता है लेकिन मजदूर यदि मिनिमम वेज लेता है तो उसे बदलने के लिए विभागीय प्रबंधन एवं ठेकेदार का गठजोड़ एक साथ मिल जाता है और र्इस प्रकार की स्थिति 2018 में भी उत्पन्न किया जा चुका है लेकिन तत्कालीन अधिशासी निदेशक के हस्तक्षेप के कारण मजदूरों को बचाया जा सका था ।
पास छिनकर प्लांट में प्रवेश रोकते हैं ठेकेदार
जिन मजदूरों ने ठेकेदार को अपने वेतनमान की राशि नहीं लौटाई उन मजदूरों का प्लांट में प्रवेश करने के लिए गेट पास छिन लिया जाता है। यह कार्य ठेकेदार के गुर्गे अधिकारियों के इशारे पर करते है। एक मजदूर की औषत सैलरी करीब 16 हजार रूपए प्रतिमाह है। जिसमें से 50 फीसदी राशि सभी ठेका मजदूरों को वापस करने के लिए कहा जाता है। यानि बोकारो स्टील प्लांट के 12 हजार ठेका मजदूरों को हर माह करीब 96 करोड़ रूपए ठेकेदार और अधिकारियों के जेबों में भेजा जाता है। यह अत्यंत ही गंभीर मसला है जिसपर न तो केंद्र सरकार ध्यान दे रही है और न ही राज्य सरकार के अधिकारी। ऐसे में बोकारो स्टील प्लांट की यह दशा अत्यंत ही दयनीय है। इस अवसर पर मुख्य रूप से सूरज,बिनोद, विष्णु,ज्योति लाल,हीरा लाल, हाड़ी राम,सुरेंद्र लाल, भरदुरी,मिहिर दयाल, लखी राम, काशी , तुलसी, शिवनाथ, जगदीश,रंजित, जया राम,राजू,परमेश्वर,राज कुमार,उमेश रजवार,सतेन्द्र, वीरेंद्र,दीपक महतो,कारण,रिंकू,राम देव आदि।(sail news)