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Bsl-बीएसएल ऐश पौंड के विस्थापितों ने कराया काम बंद

BSL-बीएसएल में ऐश पौंड का कार्य ठप करते विस्थापित

Bsl:बीएसएल ऐश पौंड के विस्थापितों ने कराया काम बंद,नियोजन की मांग को लेकर उग्र हुए लोग
विस्थापितों ने छेड़ी आरपार की लड़ाई,प्रबंधन को जुलूस निकालकर कोसा
एक स्वर में भारी संख्या में विस्थापितों ने किया आंदोलन तेज करने का आह्वान

BSL-बीएसएल में ऐश पौंड का कार्य ठप करते विस्थापित
BSL-बीएसएल में ऐश पौंड का कार्य ठप करते विस्थापित

Crossfluid.com
बोकारो स्टील प्लांट(Bokaro steel plant) के विस्थापित स्लैग कंपार्टमेंट समिति व विस्थापित स्लैग कंपार्टमेंट ऐश पौंड समिति की ओर से 6 अप्रैल को अपना आंदोलन तेज करते हुए पौंड का पूरा कार्य ठप कर दिया। इस दौरान भारी संख्या में ग्रामीण महिलाओं के साथ साथ युवा ऐश पौंड पर जमे रहे। सभी एक स्वर में जमीन के बदले नियोजन और मुआवजा की मांग पर अड़े रहे। इस दौरान कहा कि विस्थापितों की समस्या को लेकर कई बार त्रिपक्षिय वार्ता भी हुई लेकिन विस्थापितों के हक में कोई समाधान नहीं निकला। ऐश पौंड से प्रभावित विस्थापितों को नाही नियोजन नाही पुनर्वास और ना ही मुआवजा और ना ही किसी तरह का कोई रोजगार दिया गया है जिस कारण यहां के विस्थापितों का स्थिति दयनीय हो गई है।(Overflowing ash pond worries BSL officials)
विस्थापित नेता रघुनाथ महतो कर रहे है नेतृत्व
विस्थापित नेता रघुनाथ महतो ने कहा ऐश पौंड से छाई को निकाल कर खेती करने वाले जमीन पर डंप किया जा रहा है। और इस छाईं से पूरे विस्थापित गांवों में प्रदूषण फैल रहा है जिसके चलते लोग बीमार हो रहे हैं। कई तरह के बीमारी फैल रही है चर्म रोग आंखों की रोशनी टीवी यहां के लोगों का आम हो गया है। परंतु इसके बावजूद भी बोकारो इस्पात संयंत्र प्रबंधन बीपीएससीएल प्रबंधन और जिला प्रशासन यहां के विस्थापितों के साथ न्याय नहीं कर रही है।
झारखंड प्रदूषण नियंत्रण पर्सद के द्वारा भी यह आदेश किया गया है की परती जमीन या खेती वाले जमीन पर छाई गिराने की अनुमति नहीं दी जाती है। इसके बावजूद भी बीएसएल प्रबंधन बीपीएससीएल प्रबंधन और जिला प्रशासन मिलकर जबरन छाई का पहाड़ बनाया जा रहा है जो यहां के विस्थापित कदापि बर्दाश्त नहीं करेंगे।
अपनी मांगों को लेकर किसी भी हद तक जाएंगे विस्थापित
विस्थापित अपने अधिकार के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं। अनुमंडल पदाधिकारी चास के द्वारा यहां के विस्थापितों को कहा जा रहा है की काम किसी भी हाल पर होगा यदि वहां के लोगों का स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी नहीं है तो निश्चित रूप से काम होगा लेकिन ग्रामीणों का कहना है की जांच का विषय है इस प्रदूषण से हम खाना सही से खा नहीं पाते हैं। उड़ते छाईं से रहना मुश्किल हो रहा है। पीने को स्वच्छ पानी नहीं मिल रहा है। फिर भी प्रशासन के द्वारा इस तरह की बातें बोलना निंदनीय है। यहां के विस्थापितों ने यह निर्णय लिया है कि मरते दम तक हम लोग ऐश पौंड के छाई को खेती वाले जमीन पर या परति जमीन पर हम डंप नहीं करने देंगे। चाहे हमें मरना पड़े या किसी भी हद तक जाना पड़े किसी भी कीमत पर काम नहीं होने दिया जाएगा। जब तक यहां के विस्थापितों का नियोजन, पुनर्वास, मुआवजा एवम रोजगार नहीं मिल जाता है काम बंद रहेगा। आज सिटी मजिस्ट्रेट, नगर उपाधिक्षक, हरला थाना प्रभारी एवम बीपीएससीएल सीजीएम इंचार्ज, सीजीएम एमएम ऐश पौंड से छाईं डम्प करने की जगह का निरक्षण करने आयें जिसका जोरदार विरोध विस्थापितों ने किया। कहा गया कि जबरन काम को चालू कराया गया तो उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। इस प्रर्दशन में मुख्य रूप से निरंजन महतो, बबलू रजवार, शंकर रवानी, नागेश्वर सिंह, भूत सिंह, मिथिलेश कुमार महतो, मिथिलेश रवानी, अवधेश रवानी, तुलसी रजवार, उत्तम महतो, शीतल देवी, समरी देवी, तुलसी देवी, रत्नी देवी, मनोज सिंह, जयप्रकाश रवानी, बैजनाथ महतो आदि मौजूद थे.

Displaced people protest against BSL