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यह बात सीबीएसई समन्वयक व डीपीएस रांची के प्राचार्य ने कही राम सिंह शनिवार को यहां राज्य स्तरीय सीबीएसई प्राचार्यों की बैठक के दौरान। बैठक में प्रदेश भर से 150 से अधिक प्राचार्यों ने भाग लिया।
डीपीएस, रांची द्वारा आयोजित बैठक में सीबीएसई स्कूलों को आवश्यक आचार संहिता पर सलाह देने के लिए आगामी परीक्षाओं की तैयारी पर चर्चा की गई।
इस अवसर पर बोलते हुए, सिंह ने बोर्ड परीक्षा के महत्व पर जोर दिया और परीक्षा संरचना, पाठ्यक्रम और मूल्यांकन योजना के साथ-साथ प्रश्न पैटर्न पर चर्चा की। उन्होंने कहा, “बोर्ड परीक्षा शुरू होने की संभावित तारीख 15 फरवरी होगी। बोर्ड परीक्षा मूल्यांकन योजना की मुख्य विशेषता यह है कि मूल्यांकन मैट्रिक्स को योग्यता-आधारित शिक्षा के साथ जोड़ा गया है। इसके अनुरूप, आगामी सत्रों की परीक्षाओं में अधिक संख्या में योग्यता-आधारित प्रश्न होंगे जो वास्तविक जीवन स्थितियों में अवधारणाओं के अनुप्रयोग का आकलन कर सकते हैं।
सिंह ने आगे कहा, “स्कूल यह सुनिश्चित करेंगे कि व्यावहारिक परीक्षाओं के लिए पाठ्यक्रम समय पर पूरा हो जाए। वे यह भी सुनिश्चित करेंगे कि उनकी ओर से आवश्यक कार्रवाई के लिए सभी छात्रों और अभिभावकों को व्यावहारिक परीक्षाओं की तारीख के बारे में सूचित किया जाए। इसके अलावा, परीक्षाओं की तारीख से पहले पर्याप्त संख्या में प्रायोगिक उत्तर पुस्तिकाएं स्कूलों में उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
सीबीएसई के क्षेत्रीय अधिकारी (पटना क्षेत्र), अरविंद कुमार मिश्राप्राचार्यों व शिक्षकों के कर्तव्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “शिक्षक छात्रों के भविष्य को संवारने और एक अच्छा इंसान बनाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बेहतर प्रदर्शन के लिए, शिक्षकों, अभिभावकों और छात्रों को परीक्षा पे चर्चा में भाग लेने के लिए अधिक से अधिक संख्या में पंजीकरण कराना चाहिए। इसके अलावा, के कार्यान्वयन राष्ट्रीय शिक्षा नीति आवश्यक है क्योंकि यह बच्चों को नैतिक और समग्र विकास प्रदान करने में बहुत सहायक है।”
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