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Rebika Murder Case: शुक्रवार शाम को हुई रेबिका की हत्या, 4 घंटे तक मैनुल के घर पड़ा था शव; देर रात उसे टुकड़ों में काटा

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रेबिका की गला दबाकर हत्या और उसके शव के छोटे-छोटे टुकड़े करने के बाद दिलदार का मामा मैनुल बोरियो में आराम से घूम रहा था। स्थानीय लोगों ने वारदात के दूसरे दिन यानी 17 दिसम्बर की दोपहर तक उसे बोरियो में ही देखा है। पुलिस के पास इस बात की पुख्ता जानकारी है कि दिलदार का मामा मैनुल वारदात को अंजाम देने के बाद दूसरे दिन दोपहर 3 बजे तक बोरियो में था।

बोरियो में आराम से घूम रहा था मैनुल अंसारी
इस दौरान कई लोगों से वह रोज की तरह मिला भी है। दोपहर 3 बजे के बाद उसे किसी ने नहीं देखा है। पुलिस को पता चला है कि शाम को जब आंगनबाड़ी केंद्र के पास इंसान का कटा हुआ पैर व मांस के कुछ टुकडे होने की चर्चा आसपास के लोगों में होने लगी थी,तो मैनुल थोड़ा डर गया था। उसे समझ में आ गया कि बहुत जल्द पूरी घटना का भंडाफोड़ होने ही वाला है। पकड़े जाने के डर से उसने चुपचाप बोरियो से भाग निकलना मुनासिब समझा। पुलिस का कहना है कि मैनुल इतना शातिर है कि भागने के दौरान अपना मोबाइल घर पर ही छोड़कर गया है। उसे यह बात अच्छी तरह पता था कि मोबाइल को अपने पास रखने पर पुलिस के लिए उसके लोकेशन का पता लगाना आसान हो जाएगा।

मौका ए वारदात पर मौजूद थी दिलदार की मां
रेबिका पहाड़िन की हत्या बीते शुक्रवार की शाम पांच व छह के बीच हो चुकी थी। वारदात के समय दिलदार की मां मौका ए वारदात पर मौजूद थी। घटनास्थल बस स्टैंड किरानी मैनुल के मकान की ऊपरी मंजिल है। रबिका की हत्या के बाद दिलदार की मां मरियम निशा वापस बेल टोला स्थित अपना घर लौट और परिवार के सदस्यों को पूरी कहानी बताई।

पुलिस को गुमराह करने के लिए दी मौखिक शिकायत
फिर रणनीति बनाकर घर के कुछ सदस्यों को साथ लेकर बोरियो थाना पहुंच रेबिका के लापता हो जाने की मौखिक सूचना दी। यह बात एसआइटी की जांच में सामने आया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि हत्या के बाद रबिका का शव करीब 4 घंटे तक मैनुल के घर पर पड़ा था। रात करीब नौ बजे दिलदार के मामा मैनुल व बसस्टैंड किरानी मैनुल ने मिलकर चापड़ से शव के छोटे-छोटे टुकड़े करना शुरू किया। इस काम में करीब दो से ढाई घंटे लगे। उसके बाद आधी रात को ही शव के सारे टुकड़ों को ठिकाने लगा देने की योजना बनाई।

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