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राज्य में सभी सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर के स्कूल शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं और अधिकांश स्कूल, जहां अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के छात्र नामांकित हैं, एक ही शिक्षक द्वारा चलाए जा रहे हैं, जो एक संविदा पारा-शिक्षक है। शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम का घोर उल्लंघन,
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