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Bokaro:सेल चैयरमेन के लिए 12 अप्रैल को इंटरव्यू,कार्य मूल्यांकण के आधार पर होगा चयन

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सेल चैयरमेन की राह अब नहीं है आसान

सेल चैयरमेन के लिए 12 अप्रैल को इंटरव्यू
कई तीखे सवालों का देना होगा अधिकारियों को जवाब
मजदूरों की सुरक्षा से लेकर सुविधाओं पर भी होंगे सवाल
अधिकारी और मजदूरों के बीच खाई को लेकर भी करेंगे सवाल
जमीन और आवास कब्जा का मामला भी कर सकता है परेशान

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बोकारो स्टील प्लांट सहित सेल के विभिन्न यूनिट्स को सिर्फ कागजों में मुनाफा दिखाकर कर्मचारियों की जेबें काटनेवालों पर इस बार सरकार की तिखी नजर है। लोकसभा चुनाव वर्ष 2024 में होनेवाला है ऐसे में सरकार कर्मचारी और अधिकारियों के बीच बेहतर छवि नहीं बनानेवाले को महत्वपूर्ण पद की जिम्मेवारी नहीं सौंपेगी। इसी कड़ी में कई ऐसे सेल में अधिकारी है जिनमें से किसी ने बेहतर काम किया तो किसी ने अपनी अपनी स्वार्थ सिद्ध की है। लेकिन अब ये चैयरमेन की रेस में चल रहे है। लेकिन विगत छह माह से लोकसभा में जिस प्रकार पक्ष और विपक्ष के सांसदों ने केंद्रीय इस्पात मंत्रालय से प्रश्न किया और उसका जवाब भी सार्वजनिक होने के बाद कई अधिकारियों का पत्ता पहले ही कटने की उम्मीद है।
ये हैं सेल चैयरमेन की रेस में
सेल चैयरमेन की रेस में फिलहाल भिलाई स्टील प्लांट के अनिबानं दासगुप्ता , बीएसएल के निदेशक प्रभारी अमरेंदु प्रकाश ,बीपी सिंह प्रभारी निदेशक दुर्गापुर स्टील प्लांट, केके सिंह निदेशक (कार्मिक) सेल, एके तुलस्यान निदेशक (वित्त) सेल सहित लगभग आधा दर्जन दूसरी पीएसयू के अधिकारी शामिल हैं। सेल चैयरमेन के लिए 18 जनवरी तक आवेदन की अंतिम तिथि तक सेल से पांच अधिकारी व पीएसयू से जबकि चार अधिकारियों के अलावा अन्य सेक्टर से अधिकारियों ने आवेदन किया है।
चैयरमेन पद की डगर में है कई कांटे
चैयरमेन के पद में प्लांट की सुरक्षा व्यवस्था,आवास में अतिक्रमण का धंधा,पानी और बिजली चोरी के साथ साथ कामगारों के जेबे ढ़ीली करने का मामला इस बार कई अधिकारियों के सपने को चूर चूर कर सकता है। बीते साल बोकारो स्टील प्लांट सहित सेल के विभिन्न यूनिट्स में दुर्घटना में दर्जनों मजदूरों की मौत हो चुकी है। बोकारो स्टील प्लांट की बात करें तो एक वर्ष के अंतराल में करीब 9 कर्मचारियों की जान चली गई है। इसके बाद सुरक्षा को लेकर जो भी काम होने चाहिए थे वे बिल्कूल भी नहीं हुए।
भ्रष्टाचार के 2472 मामले दर्ज
सेल के विभिन्न प्लांट में गत पांच साल में भ्रष्टाचार के 2472 मामले दर्ज किये गये हैं। कई बड़े भ्रष्टाचार मामले को लेकर जांच तक नहीं हो पाई है। यदि जांच हुई तो कई अधिकारी जेल के सलाखों के पीछे होंगे। यही नहीं सेल मजदूरों की तुलना में ठेका श्रमिकों की संख्या बढ़ी है। अनट्रेंड मजदूरों से महत्वपूर्ण विभागों के काम भी लिए जा रहे है। जिस कारण इसकी गुणवत्ता प्रभावित होने के साथ साथ मजदूरों के जान से खिलवाड़ भी हो रहा है। आंकड़ों पर गौर करे तो जनवरी 2017 में सेल में लगभग 70000 गैर कार्यपालक कर्मचारी कार्यरत थे। वर्तमान में 49,800 कर्मचारी हैं।
39 माह के एरियर बकाया
39 माह का फिटमेंट एरियर व 58 माह का पवर्क्स एरियर बकाया है। कर्मचारियों के आक्रोश के कारण 30 जून 2021 को पूरे सेल में हड़ताल हुई थी अक्तूबर 2021 में तीन यूनियन की सहमति से वेतन समझौता के लिए एमओयू किया गया था। लेकिन समय के साथ अधिकारियों के पे रिवीजन की राशि उनके खाते में डाल दी गई लेकिन कर्मचारियों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगा। यूनियन नेताओं की माने तो सेल में दो तरह की व्यवस्था है जिसमें एक व्यवस्था अधिकारियों के लिए जिनकी मांगों पर तत्काल निर्णय हो जाता है जबकि दुसरी तरफ मजदूर है जो लगातार शोषण के शिकार हो रहे है।

बीएसएल में सबसे अधिक कब्जा और अतिक्रमण
सेल के बोकारो स्टील सिटी के ‌विभिन्न सेक्टरों के क्वार्टर और जमीन पर सबसे अधिक कब्जा है। जिसे खाली करने को लेकर कई पहल नहीं हो पाई है। क्वार्टरों में अधिकारियों के संरक्षण पर कब्जा का खेल जारी है। प्रत्येक सेक्टर में कब्जा के लिए एक सिंडीकेट बना हुआ है। जो क्वार्टरों को किराए पर लगाता है जिससे सालाना करीब 1 करोड़ से अधिक की वसूली होती है। यही नहीं सेल के जमीन पर भी अतिक्रमण का खेल जारी है। हर दिन यहां अतिक्रमण का दायरा बढ़ता जा रहा है। जिससे स्थानीय विस्थापितों में आक्रोश है। विस्थापित अब अपनी जमीन की मांग भी करने लगे है।