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SAIL:सेल कर्मचारियों ने प्रबंधन ने खिलाफ खोला मोर्चा,हाईकोर्ट के शरण में गए

Jharkhand High Court

SAIL NEWS-सेल कर्मचारियों ने प्रबंधन ने खिलाफ खोला मोर्चा,हाईकोर्ट के शरण में गए
प्रबंधन के अन्याय के खिलाफ गोलबंद हो रहे हैं पीड़ित कर्मचारी
हड़ताल करने की प्रबंधन ने इंक्रीमेंट काटने व ट्रांस्फर की दी थी सजा
बीएसएल के पूर्व कर्मचारी रंधीर कुमार को भी बगैर कारण बताए कर दिया भद्रावती ट्रांस्फर

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बोकारो स्टील प्लांट (BSl)के पीड़ित दो कर्मचारियों ने सेल प्रबंधन(SAIL) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दोनों कर्मचारियों ने सेल प्रबंधन से न्याय की उम्मीद खत्म होते देख झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand Highcourt)का दरवाजा खटखटाया है। मई 2023 में दोनों का मामला कोर्ट ने सुनवाई योग्य पाया है। अब जल्द ही कोर्ट की तिथि पर इसकी सुनवाई भी होगी। मालूम हो कि 30 जून 2021 को सेल में वेज रिवीजन नहीं किए जाने के विरोध में सेल के बोकारो स्टील प्लांट व अन्य प्लांटों में कर्मचारियों ने प्रबंधन के खिलाफ आंदोलन किया था। जिसमें बोकारो स्टील प्लांट(Bokaro steel Plant) के दो कर्मी राकेश कुमार गिरी व भवेश चंद्र सिंह सहित अन्य दो कर्मचारी को प्रबंधन ने आंदोलन का दोषी पाते हुए कार्रवाई की थी। हड़ताल में शामिल बीएसएल के इन चार कर्मियो को प्रबंधन ने अपना पावर का इस्तेमाल करते हुए पहले इन्हें निलंबित किया फिर इनका दो दो इंक्रिमेंट काट दिया। इसके बाद प्रबंध ने उन्हे सजा के तौर पर सेल के किरुबुरु , मेघाताबुरु, गुआ , चासनाला कोलियरी स्थांतरित कर दिया गया।
वेतन कटौती व बोनस भुगतान में भेदभाव
चारो कर्मियों (Bsl worker)के वेतन कटौती के बाद प्रबंध ने बोनस भुगतान को लेकर भेदभाव भी किया। इन कर्मियो का आरोप है कि प्रबंधन और पर्सनल विभाग के कुछ अधिकारियो ने साजिश के तहत उनको फंसाया है। जो श्रम कानून का उल्लंघन कर स्टैण्डिंग ऑर्डर के खिलाफ है। वहीं पूरी जांच प्रक्रिया मे सिर्फ अधिकारी वर्ग ही शामिल थे। शिकायतकर्ता भी अधिकारी थे और जांचकर्ता भी अधिकारी थे यही नहीं न्यायकर्ता भी अधिकारी थे। ऐसे में न्याय की उम्मीद को लेकर सवाल भी खड़ा हुआ और कर्मियों ने हाईकोर्ट में प्रबंधन के खिलाफ याचिका दायर की।

बीएसएल(BSL) कर्मचारी रंधीर कुमार को भी मिली सजा
बोकारो स्टील प्लांट में काम करनेवाले रंधीर कुमार को प्रबंधन ने बगैर किसी ठोस कारण के बोकारो से 2 हजार किमी दुरी भ्रद्रावती स्टील प्लांट में ट्रांस्फर कर दिया है। वे विगत दो वर्ष से अपने ट्रांस्फर मामले को लेकर लगातार प्रबंधन से पत्राचार कर यह जानने की कोशिश भी कर रहे हैं कि आखिर किन वजहों से उनका स्थानांतरण किया गया है। लेकिन प्रबंधन के पास कोई ठोस जवाब तक नहीं है। इस मामले को लेकर बोकारो स्टील कामगार यूनियन(एटक)के महासचिव रामाश्रय प्रसाद सिंह ने कहा था कि वे संगठन के प्रोटेक्टेड मैंबर है और इनके विरूद्ध कोई आरोप भी प्रबंधन के पास नही है। लेकिन इनका स्थानांतरण जबरन कर दिया है।

अधिकार का हुआ उल्लंघन
ID act 1947 की 9 वीं अनुसूची में किसी भी पीएसयू में कार्य करने वाले कामगारों का सेवा शर्त बदलने का नियम है। ID act 1957 का 61(1) में यूनियन पदाधिकारी को प्रोटेक्टेड वर्कर के रुप में अधिकार मिला है। सेल प्रबंधन ने स्थांतरण का वजह ‘Organizational Requirment’ बताया है। जबकि पिछले कई दशक से एक भी कामगार को उस वजह से दूसरी युनिट मे स्थांतरण नही किया गया है।