पीएम मोदी के नाम पर वोट लेनेवाले नेता मजदूरों के शोषण पर है चुप
बीएसएल और बीपीएससीएल से जबरन निकाले जा रहे हैं मजदूर
अधिकारियों के सामने अब मजदूरों से वसूली जा रही वेतन का हिस्सा
नहीं देने पर छिना जा रहा है पास,काम से निकाला जा रहा
एटक ने विरोध दर्ज किया लेकिन नेताओं का मजदूरों के पक्ष में नहीं आना दुर्भग्यपूर
SAIL-BOKARO:बोकारो स्टील प्लांट(Boakro steel plant) में पीएम नरेंद्र मोदी(Modi) के बदहस्त नेताओं के कारण गरीब मजदूरों का लगातार शोषण हो रहा है। पूरे प्लांट में ठेका मजदूरों को व्यापक शोषण इसलिए किया जा रहा है क्योकि फिलहाल इस मामले पर कोई बोलनेवाला नहीं है। मजदूरों ने अपना वोट देकर जरूर नेताओं को विधानसभा और संसद तक पहुंचया है लेकिन इन नेताओं को पता है कि फिर से वे मोदी का माला पहनकर सदन तक पहुंच जाएंगे। ऐसे में बोकारो में इन मजदूरों के आंसू पोछनेवाले नेताओं की कमी अब खलने लगी है। रात को बीएसएल अधिकारियों के आवास में दिखनेवाले नेताओं की सच्चाई अब जनता के सामने आना चाहिए। क्रॉस फ्लूड इसी कड़ी में अब काम कर रही है।(BSL News)
तीन पर्ष पूर्व शोषण की यही स्थिति नहीं थी
अधिकारियों को भली भांति को पता है कि नेता और यूनियन से जुड़े लोग आखिरकर अपना काम लेकर जरूर आएंगे। इसका व्यापक असर पर कॉट्रैक्ट पर काम करनेवाले मजदूरों पर पड़ने लगा है। विगत तीन वर्ष से लगातार बीएसएल प्लांट से ठेका मजदूरों को हटाने का मामला गहराते जा रहा है। ऐसे इसलिए हो रहा है क्योकि मजदूर अपनी मजदूरी का एक हिस्सा ठेकेदार को नहीं दे रहे है। यह बोकारो स्टील प्लांट में परंपरा बन चुकी है। इस पूरे प्रकरण में बीएसएल के ठेकेदार ही नहीं बल्कि अधिकारी भी भली भांति मिले हुए है। जिसके सीबीआई जांच होनी चाहिए।
एटक ने प्रदर्शन कर जताया अपना विरोध
7 सितंबर को एटक के बैनर तले एडीएम बिल्डिंग के पास सेक्शन पर प्रदर्शन कर काम से बैठाए गए ठेका मजदूरों को काम पर वापस लेने के लिए न्यूनतम मजदूरी का भुगतान करने की मांग को लेकर आंदोलन किया गया। इसी क्रम में मजदूर नेता रामाश्रय प्रसाद सिंह ने कहा कि बोकारो स्टील प्लांट और बोकारो पवार सप्लाई का प्रबंधन संवेदनहीन हो गया है। गरीब ठेका मजदूरों पर जुल्म किए जा रहे हैं। सीएलसी नियमों का पालन नहीं हो रहा है। प्लांट के अंदर ठिकेदारो का राज कायम हो गया है। न्यूनतम मजदूरी भी मजदूरों को नहीं मिल रही है। मगाने पर काम से बाहर का रास्ता दिखा दिया जा रहा है।
इस तरह से हो रहा शोषण
एटक की ओर से प्रदर्शन करते हुए कहा कि बीएसएल के यातायात विभाग में स्थाई प्रकृति के कार्य में संलग्न पीवे एवं लोको परिचालन में कार्यरत यार्ड पॉटर एवं लोको ड्राइवर को काम से बाहर कर दिया गया है। मजदूरो को डराया धमकाया जा रहा है। आरएमपी के महाप्रबंधक एस के दास के उपस्थति मे उनके ही कक्ष में दुर्योधन महतो नामक ठेका मजदूर का गेट पास छीन लिया गया। आरएमपी में तो ठेकेदार ही मालिक हो गए हैं। मजदूर पिछले 4 सालों से आरएमपी में कार्यरत था। पैसा वापस नहीं करने के कारण उसे काम से हटा दिया गया। प्रबंधन और ठेकेदार का गठजोड़ आरएमपी जीत जागता उदाहरण है । मशीन शॉप में मुख्य महाप्रबंधक से वार्ता के बाद भी दो मजदूरों को पिछले 2 महीने से तथा 7 मजदूरों को काम से बैठा दिया गया है। मशीन शॉप में कार्यरत लक्ष्मी कंस्ट्रक्शन ठेकेदार द्वारा मजदूरों पर गेट पास का दबाव बनाकर लगभग ₹500000 प्रति माह ठेकेदार वसूल रहा है। क्योंकि मशीन शॉप में लगभग एक सौ मजदूरी usw, sw तथा H S W में कार्यरत हैं। वेतन भुगतान के बाद ₹5000 यूएसडब्ल्यू से तथा ₹8000 एस डब्ल्यू से वापस वसूल किया जा रहा है। जिन्होंने वापस नहीं किया वह आज तक प्लांट के गेट से बाहर हैं तथा काम से वंचित है मजदूरों पर पैसा वापस करने का दबाव बनाया जा रहा है तथा पुराने मजदूर की जगह पर नए मजदूर को कम पैसा में काम कराया जा रहा है और प्रबंधन मूकदर्शक बना हुआ है।
बीपीएससीएल में भी यही स्थिति
बोकारो पावर सप्लाई कंपनी लिमिटेड ने अपने प्रकाष्ठा को पार करते हुए अब तो सीईओ एवं मुख्य महाप्रबंधक से लगातार वार्ता होने के बाद भी वहां काम से बैठाए हुए 7 मजदूरों को अभी तक ठेकेदार की ओर से गेट पास नहीं बनाना दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे में लगातार बोकारो स्टील प्लांट तथा बोकारो पावर सप्लाई कंपनी लिमिटेड में मजदूरों की लड़ाई तेज होगी। मजदूर किसी भी प्रकार के आंदोलन पर जाने के साथ-साथ काम भी बंद करने को विवश हो सकते हैं। मजदूर को अविलंब काम पर वापस लेने की मांग की गई। गेटपास को हथियार बनाना बंद करो, ट्रेड यूनियन करने के अधिकार से रोकने वाले ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करने की मांग की गई। मांगों पर विचार नहीं हुआ तो सेल अध्यक्ष के बोकारो आगमन पर अपने वेज रिविज़न तथा जॉब गारंटी, मिनिमम वेज के सवालो पर अपना लाल सलाम देगे।