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Veer-Kunwar-Singh:वीर कुंवर सिंह के सशक्त राष्ट्र की परिकल्पना को करेंगे सार्थक-डॉक्टर प्रकाश

वीर कुंवर सिंह के सशक्त राष्ट्र की परिकल्पना को करेंगे सार्थक-डॉक्टर प्रकाश
बोकारो के सेक्टर चार स्थित वीर कुंवर सिंह चौक पर हुआ सभा
भारी संख्या में समाज के सभी वर्गों ने वीर कुंवर सिंह को किया पुष्प अर्पण
Veer Kunwar Singh-जयंती पर माल्यार्पण करते डॉक्टर प्रकाश हुआ अन्य
Veer Kunwar Singh-के विजय दिवस पर माल्यार्पण करते डॉक्टर प्रकाश हुआ अन्य

 

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बोकारो शहर के सेक्टर चार स्थित वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा पर विजय दिवस के अवसर पर पुष्प अर्पित कर विभिन्न सामाजिक संगठनों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर भारी संख्या में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ प्रकाश ने कहा 80 वर्ष की उम्र में बाबू कुंवर सिंह ने अपनी ताकत अंग्रेजों को दिखाकर उन्हें शिकस्त दी थी।

 देश के लिए अंग्रेजों को धूल चटाने वाले बाबू कुंवर सिंह  जिस सम्मान के हकदार हैं, वह सम्मान इन्हें नहीं मिल पाया। लेकिन केंद्र की मोदी सरकार अब बाबू कुंवर सिंह को देश के धरोहर के रूप में स्थापित कर उन्हें सम्मान देने का काम कर रही है ।कहा उनके विजय दिवस पर अब हमें सांस्कृतिक धरोहर से सुसज्जित वृहत राष्ट्र की परिकल्पना को सार्थक करने के लिए कदम उठाना चाहिए।उन्होंने जिस संघर्ष और बलिदान से देश को सिंचा है । उसे भुलाया नहीं जा सकता ।कहा वर्तमान में उनके किए कार्य और संकल्पों को पूरा करने के लिए समाज के सभी वर्गों को आगे आना चाहिए ।राष्ट्रप्रेम की भाव के साथ साथ विकसित राष्ट्र निर्माण की कल्पना तभी सार्थक हो पाएगी ।
निकाली गई प्रभात फेरी
इससे पहले शहर के सेक्टर चार गांधी प्रतिमा,सेक्टर तीन लेक रोड, राम मंदिर, बोकारो हवाई अड्डा, सेक्टर दो, को ऑपरेटिव कॉलोनी होते हुए प्रभात फेरी नया मोड़ स्थित भगवान बिरसा मुंडा के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर संपन्न हुआ।
कौन है बाबू वीर कुंवर सिंह?
1857 की क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले बाबू वीर कुंवर सिंह का नाम बेहद सम्मान के साथ लिया जाता है। वह बिहार के उज्जैनिया परमार क्षत्रिय और मालवा के प्रसिद्ध राजा भोज के वंशज हैं। इसी वंश में महान चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य भी हुए थे। 80 साल की उम्र में बाबू कुंवर सिंह ने अंग्रेजों से लोहा लिया था। हाथ में गोली लगने के बाद अपना हाथ खुद ही काट लिया था।
समकालीन ब्रिटिश अधिकारियों के मुताबिक, कुंवर सिंह 6 फुट से अधिक लंबे, मृदुभाषी और अपने लोगों के बीच देवतुल्य व्यक्तित्व वाले शख्सियत थे। वीर कुंवर सिंह एक शानदार घुड़सवार थे और शिकार करना उनका शौक था. 1857 की क्रांति में कुंवर सिंह, उनके भाई अमर सिंह और उनके सेनापति हरे कृष्णा सिंह ने गुरिल्ला तकनीक का इस्तेमाल कर अंग्रेजी सेना को काफी नुकसान पहुंचाया था।
मौके पर यह रहे मौजूद
बाबू वीर कुंवर सिंह विचार मंच की ओर से सुरेश सिंह ,डाॅ परिंदा सिंह, संग्राम सिंह ,इंदू शेखर मिश्रा,संरक्षक सुखदेव सिंह, गणेश राय, मनराज सिंह, महासचिव अरविंद सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष अखिलेश सिंह  सिद्धार्थ सिंह माना, अनंत कुमार ओझा, टुनटुन सिंह, अवधेश सिंह, अशोक सिंह, शिव कुमार यादव, विकास सिंह चंदेल, गया सिंह, शैलेश सिंह, रंजीत सिंह, समरेश सिंह, राजेश सिंह,लाल सिंह सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे
 
वीर कुंवर सिंह की जयंती पर निकाली गई बाइक रैली
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