Headlines

Virtual Labs-बीएसएल के ईडी ने किया डीपीएस के पहले वर्चुअल रियलिटी लैब का उद्घाटन

बीएसएल के ईडी ने किया डीपीएस के पहले वर्चुअल रियलिटी लैब का उद्घाटन
डिजिटल युग में वीआर तकनीक शिक्षा-जगत में मील का पत्थर : राजन
आभासी वास्तविकता के साथ अब विषयों को आसानी से समझ सकेंगे बच्चे : डॉ. गंगवार

BSL-ED-Rajan-Pd-inaugurating-the-VR-Lab-scaled
BSL-ED-Rajan-Pd-inaugurating-the-VR-Lab-scaled

Crossfluid.com

विद्यार्थियों को तकनीक और नवाचार से युक्त शिक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में डीपीएस (दिल्ली पब्लिक स्कूल) बोकारो ने एक और महत्वपूर्ण पहल की है। इस विद्यालय में बोकारो के पहले वर्चुअल रियलिटी (वीआर) (Virtual Labs)लैब का शुभारंभ किया गया है। विषयों से संबंधित तथ्य आभासी तौर पर वास्तविक रूप में अनुभव कराने व समझाने के उद्देश्य से इसकी स्थापना की गई है। मंगलवार को इस लैब का उद्घाटन बोकारो स्टील प्लांट के अधिशासी निदेशक (कार्मिक व प्रशासन) सह डीपीएस बोकारो प्रबंधन समिति के प्रो-वाइस चेयरमैन राजन प्रसाद ने बतौर मुख्य अतिथि किया। अपने संबोधन में उन्होंने विद्यालय की इस पहल को अनुकरणीय बताया।

360 डिग्री वाली त्रिविमीय तस्वीरों को देखा
विद्यालय के प्राचार्य डॉ. एएस गंगवार ने कहा कि डीपीएस बोकारो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की दिशा में कटिबद्ध रहा है। इसके लिए कई नवोन्मेषी संसाधन यहां उपलब्ध कराए गए हैं। वीआर लैब इसी की एक अहम कड़ी है। विद्यालय की प्राइमरी और सीनियर, दोनों इकाइयों को मिलाकर लगभग 100 वीआर उपकरणों की व्यवस्था यहां की गई है। 50-50 के समूह में विद्यार्थी साथ बैठकर 360 डिग्री वाली त्रिविमीय तस्वीरों व वीडियो के जरिए अपने विषयों को समझ सकेंगे। फिलहाल विद्यार्थियों के लिए इस लैब में विज्ञान, तकनीक, गणित व सामाजिक विज्ञान की पढ़ाई की व्यवस्था है।

विषयवस्तु के पास होने का मिलता है रोचक अनुभव
एडटेक कंपनी मेटाबुक एक्सआर की साझेदारी से स्थापित इस वर्चुअल रियलिटी लैब के उपकरणों, यथा – हेडसेट, मोशन सेंसर आदि की मदद से विद्यार्थी संबंधित विषयों के टॉपिक को न केवल देख सकेंगे, बल्कि आभासी तौर पर वे उसके पास तक पहुंचकर उसे रोचक तरीके से अनुभव भी कर सकेंगे। उदाहरणतया वीआर इक्विपमेंट की मदद से बच्चों को सौरमंडल तक आभासी रूप से ले जाकर उन्हें वास्तविक रूप में ध्वनियुक्त 3डी चलंत चित्रों के साथ दिखाया जा सकता है। बता दें कि इसके पहले वीआर तकनीक का इस्तेमाल गेमिंग और मनोरंजन में होता था। शिक्षा में अब इसका चलन रोमांचकारी तरीके और रियल फील के साथ कांसेप्ट क्लियर करने में काफी सहायक साबित होगा।

सिलेबस के मुताबिक मॉड्यूल(Virtual Labs (India)

वर्चुअल रियलिटी के उपकरणों में कक्षावार सीबीएसई के सिलेबस पर आधारित मॉड्यूल तैयार किए गए हैं। उपकरणों को दो तरीकों से संचालित करने की व्यवस्था है। सेल्फ स्टडी मोड में विद्यार्थी स्वयं इसे ऑपरेट कर सकते हैं, वहीं टीचर गाइडेड मोड में शिक्षक जो दिखाना चाहेंगे, बच्चे वही देख सकते हैं। इसमें इंटरनेट कनेक्टिविटी की भी सुविधा है। उद्घाटन के अवसर पर मेटाबुक एक्सआर के वाइस प्रेसिडेंट राकेश पांडेय एवं असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट संतोष कुमार भी उपस्थित थे।